मोदीनगर। संस्कृत भारती गाजियाबाद व मेरठ प्रांत द्वारा 13 आभासिक संस्कृत सम्भाषण शिविरों का सामूहिक शुभारंभ किया गया।
बतौर मुख्य अतिथि उदय चन्द्र झा, जिला संपर्क प्रमुख द्वारा सयुक्त रूप से भारत माता व सरस्वती माता के पूजन उपरान्त संपन हुआ। तत्पश्चात ध्येय मन्त्र के उच्चारण के साथ वर्ग का प्रास्ताविक भाषण डॉ0 नरेंद्र पांडेय द्वारा दिया गया। जिसमें उन्होंने बताया कि इन वर्गों में भारत के लगभग 24 राज्यों के 1200 से अधिक लोगों ने पंजीकरण किया है। जिसमें कक्षा 6 से लेकर शोध छात्र, शिक्षक, प्रधानाचार्य आदि ने भी अधिक मात्रा में पंजीकरण किया है। इस वर्ग हेतु संस्कृत विषय से अलग स्नात्तक व पैरास्नात्तक सहित सेवानिवृत्त आदि विभागों के लोगो ने भी संस्कृत को पढ़ने की उत्सुकता दिखाई है। ये कक्षाएं 21 जून से 30 जून तक प्रतिदिन प्रातः 8 बजे से रात्रि 9 बजे तक निरन्तर संचालित की जाएगी। वर्ग में संस्कृत भारती के अखिल भारतीय महामन्त्री शदेवपुजारी मुख्यवक्ता के रूप में उपस्थित रहें। जिन्होंने संस्कृत की महत्ता एवं वर्तमान जीवन मे संस्कृत की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अगर हमें देशभक्त बनना ओर भारत का सम्मान व स्वदेशी को बढ़ाना है तो हमें भारतीय भाषा एवं राष्ट्रभाषा संस्कृत को बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि हमें हिन्दी मे से भी अधिकांश अरबी, फारसी शब्दों को हटाकर संस्कृत शब्द बोलने होंगे। जिससे हिन्दी शुद्ध हो। साथ ही उन्होंने बताया कि यदि हमें भारतीय भाषाओं का ज्ञान व उन्हें बोलने मे महारथ प्राप्त करना है, तो संस्कृत सीखना आवश्यक हो जाता है, क्योंकि भारत की प्रत्येक भाषा में संस्कृत के ही शब्द हैं। कार्यक्रम के अंत में बताया कि ष्पाठयेम संस्कृतं जगति सर्वमानवान् प्रापयेम भारतं सपदिपरम वैभवम्ष् यही संस्कृत भारती का लक्ष्य है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रो० पवन कुमार शर्मा ने आग्रह किया कि आप संस्कृत पढ़ें। जो कि समस्त भाषाओं की जननी है व भारत की आत्मा है। गौरव शास्त्री, नरेन्द्र भागीरथी, अमित बालियान,अंशुल गोपाल, मनीष, दीपक, रुद्रांशी, हृदयांश, मनेन्द्र, तरुण, कृतिजी, यश, सजग, सुषमा रुचि आदि शिक्षकों का सहयोग सराहनीय रहा।