<p>कहते हैं पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती…यही वजह है कि बीजेपी के पूर्व विधायक अब 51 साल की उम्र में 12वीं की परीक्षा दे रहे हैं. इन पूर्व विधायक का नाम है राजेश मिश्रा, इन्होंने बीजेपी के टिकट पर साल 2017 का विधानसभा चुनाव बरेली के बिथरी चैनपुर विधानसभा सीट से जीता था. राजेश मिश्रा का कहना है कि वो भविष्य में वकील बनना चाहते हैं, इसलिए वहा इस बार 12वीं की परीक्षा दे रहे हैं. आपको बता दें, यूपी बोर्ड 12वीं की परीक्षा 16 फरवरी 2023 से शुरू है. यह परीक्षा पूरे राज्य में कई केंद्रों पर आयोजित कराई जा रही है.</p>
<h3>दो शिफ्टों में हो रही है परीक्षा&nbsp;</h3>
<p>आपको बता दे, हाईस्कूल और इंटरमीडिएट दोनों ही परीक्षाओं का आयोजन दो शिफ्ट में हो रहा है. पहली शिफ्ट होगी सुबह 8 बजे से 11.15 बजे तक की है. जबकि दूसरी शिफ्ट दोपहर में 2 बजे से शाम 5.30 बजे तक की है. हालांकि, एक तरफ जहां पूर्व बीजेपी के विधायक यूपी बोर्ड की परीक्षा दे रहे हैं, वहीं उसी यूपी बोर्ड की परीक्षा में मुन्ना भाई और नकलची भी सक्रिय हैं. पुलिस ने कई ऐसे मामलों में कार्रवाई भी की है.</p>
<h3>एक जिले से पकड़े गए 20 मुन्ना भाई</h3>
<p>यूपी बोर्ड की परीक्षा में नकलचियों और मु्न्ना भाई लोगों पर कार्रवाई करने के लिए अकेले गाजीपुर की 253 परीक्षा केंद्रों पर 8 हजार से ज्यादा सीसीटीवी कैमरों के जरिए नजर रखी जा रही है. इसी के चलते जिले से अब तक 20 से ज्यादा मुन्ना भाई गिरफ्तार हो गए हैं. आपको बता दे गाजीपुर के राजकीय सिटी इंटर कॉलेज में बनाए गए मॉनिटरिंग सेल में हर कंप्यूटर पर सीसीटीवी से मिल रहे वीडियो फुटेज की निगरानी के लिए कुल 32 कर्मचारियों की नियुक्ति की गई है. ये कर्मचारी इस कंट्रोल रूम से ही पूरे जनपद के परीक्षा केंद्रों पर नजर बनाए हुए हैं.</p>
<h3>ऐसे करता था गिरोह काम</h3>
<p>इस पूरे मामले पर जिले के एसपी ने कहा कि ये लोग दूसरे की जगह पर फर्जी आईडी कार्ड और एडमिट कार्ड के जरिए पेपर देते थे. पुलिस का इस मामले पर कहना है कि इन लोगों को परीक्षा से कुछ देर पहले ही फर्जी आधार कार्ड और फर्जी प्रवेश पत्र उपलब्ध कराया जाता था, जिसके आधार पर ये लोग परीक्षा सेंटर पर जाकर परीक्षा देते थे. इन लोगों ने इसके लिए स्कूल के प्रबंधक और प्राचार्य को भी मिला लिया था और इन सब ने मिलकर एक आधार कार्ड बनाने वाले को भी अपने साथ मिला लिया था. इसी व्यक्ति से मिलकर ही ये लोग फर्जी आधार कार्ड बनवाकर एक व्यक्ति की जगह पर दूसरे व्यक्ति से परीक्षा दिलवाने का काम करते थे.</p>
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