नई दिल्ली: प्रतीक बब्बर (Prateik Babbar) मधुर भंडारकर की फीचर फिल्म ‘इंडिया लॉकडाउन’ में दिखाई देंगे, जो देश की पहली फिल्म है, जिसमें कोविड-19 महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन की कठिनाइयों को दर्शाया गया है. एक्टर ने ज्यादातर शहरी कैरेक्टर्स को पर्दे पर निभाया है. प्रतीक ने इस प्रोजेक्ट के साथ अपनी उस इमेज को तोड़ने की कोशिश की है और खुद को उस तरह के काम से जोड़ा है जो उनकी मां और महान एक्ट्रेस स्मिता पाटिल करती थीं.

‘स्मिता पाटिल ‘मिर्च मसाला’, ‘मंथन’, ‘भूमिका ‘जैसी फिल्मों में अपने कमाल के अभिनय की वजह से एक स्टार बन गई थीं. जब प्रतीक बब्बर को एक प्रवासी मजदूर की भूमिका निभाने के लिए चुना गया, तो उन्होंने बताया कि दिवंगत अभिनेत्री की विरासत को श्रद्धांजलि देने का यह उनके लिए एक उपयुक्त अवसर था.

स्मिता पाटिल को ट्रिब्यूट है ‘इंडिया लॉकडाउन’
उन्होंने हिंदुस्तान टाइम्स के साथ बात करते हुए कहा, ‘मैं इससे गहराई से जुड़ा हुआ था, क्योंकि पहली बार जब मैं मधुर सर से मिला, तो उन्होंने कहा, ‘प्रतीक आपकी मां ऐसे किरदार निभाती थी. अगर आप ये रोल जी-जान से करेंगे तो यह स्मिता पाटिल को ट्रिब्यूट हो सकता है.’ मैंने फिर कहा, ‘हम कब शुरू करें? सेट पर हर दिन मैं उनके बारे में सोचता था. हर एक दिन! फिल्म का नतीजा जो भी हो, यह किरदार इस समुदाय और मेरी मां को समर्पित है.’

फिल्म में जीवन के कड़वे सच को पेश करने की हुई कोशिश
एक्टर ने यह भी समझाया, ‘मैं तुरंत काम में लग गया, क्योंकि हम जानते हैं कि ये लोग किस तरह का जीवन जीते हैं. हमारा दिल पहले से ही वहां था. मैं इसे दयनीय नहीं कहूंगा, लेकिन उन्हें इतनी मुश्किलों से गुजरते हुए देखकर बुरा लगता है. साई और मैं दोनों ही अपने किरदारों में बहुत डूबे हुए थे. इस समुदाय का प्रतिनिधित्व करना एक बड़ी जिम्मेदारी है. उनके जीवन के इस कड़वे सच को पेश करना जरूरी था.’

लॉकडाउन में फंसे लोगों की कहानी है ‘इंडिया लॉकडाउन’
फिल्म ‘इंडिया लॉकडाउन’ अलग-अलग पात्रों के जीवन की पड़ताल करता है, जो कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन से उत्पन्न एक बुरी स्थिति में फंस जाते हैं. फिल्म में श्वेता बसु प्रसाद और अहाना कुमरा भी होंगी. इस फिल्म में प्रतीक बब्बर को देखना दर्शकों के लिए बेहद खास अनुभव होगा.

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