कुआलालंपुर. घातक कोविड-19 वायरस से उभरी परिस्थितियों के कारण चीन के मेजबानी से हटने के बाद एशियाई फुटबॉल परिसंघ (एएफसी) ने अपने सभी सदस्य संघों से 2023 में खेले जाने वाले एशियाई कप की मेजबानी के लिए मंगलवार को रुचि पत्र (ईओआई) की मांग की है. एएफसी ने मुख्य टूर्नामेंट के लिए अंतिम क्वालीफिकेशन दौर शुरू होने से बमुश्किल एक सप्ताह पहले यह कदम उठाया है.

टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाली 11 टीमों का चयन करने के लिए तीसरा और अंतिम क्वालिफिकेशन चरण 8 से 14 जून तक अलग-अलग स्थलों पर खेला जाएगा. भारत ग्रुप-डी में हांगकांग, अफगानिस्तान और कंबोडिया के साथ है और टीम को अपने मुकाबले कोलकाता के साल्ट लेक स्टेडियम में खेलने हैं.

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एएफसी से जारी बयान के मुताबिक, ‘चीन के एशियाई कप के मेजबान के तौर पर हटने के फैसले के बाद हाल ही में एएफसी की 32वीं कांग्रेस ने एएफसी प्रशासन को प्रतियोगिता के लिए नया मेजबान खोजने के लिए बोली प्रक्रिया को तुरंत शुरू करने के अलावा इसके लिए जरूरी नियमों को परिभाषित करने का निर्देश दिया है.’

बोली प्रक्रिया के समापन के बाद, एएफसी प्रशासन अपनी सिफारिशों के साथ अपनी कार्यकारी समिति को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा, जो 2023 टूर्नामेंट के नये मेजबान का चयन करेगी. इच्छुक सदस्य संघों के लिए टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए अपनी ईओआई जमा करने की समय सीमा 30 जून, 2022 है.

एएफसी ने इसके साथ ही चीन को मेजबान के तौर पर मिले सीधे प्रवेश को रद्द कर दिया. उसे मुख्य दौर में जगह के लिए क्वालीफायर के दौर से गुजरना होगा. यह स्थान अब नये मेजबान देश के पास जा सकता है. एशियाई कप के फाइनल्स में कुल 24 टीमें हिस्सा लेंगी. इसका पिछला आयोजन 2019 में हुआ था जिसमें कतर चैंपियन बना था.

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