Agarbatti Jalane Ke Nuksan: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के दौरान सभी दीपक, धूप जलाने के साथ ही अगरबत्ती भी जलाते हैं. अगरबत्ती की खुशबू मन मोह लेती है. हालांकि, अगरबत्ती बनाने के लिए कुछ हानिकारक केमिकल्स का इस्तेमाल होता है, जो सेहत और सांस संबंधित समस्याओं को बढ़ा सकते हैं. क्या आप जानते हैं कि धर्म शास्त्रों में पूजा-आराधना के समय अगरबत्ती जलाना अशुभ माना गया है. इसके पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण हैं. चलिए जानते हैं आखिर क्यों अगरबत्ती जलाना अशुभ है.
क्यों नहीं जलानी चाहिए पूजा-पाठ में अगरबत्ती?
1. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी के अनुसार, दरअसल अगरबत्ती बनाने में बांस का इस्तेमाल किया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार बांस जलाने से वंश का नाश हो सकता है. ऐसे में पूजा के दौरान अगरबत्ती की बजाय धूप जलाना चाहिए.
2. ऐसी भी मान्यता है कि बांस से बनी चीजों को जलाने से पितृ दोष लग सकता है. ऐसे में अगरबत्ती में भी बांस का यूज होता है, इसलिए इसे जलाने से बचना चाहिए. अंतिम संस्कार करते वक्त भी बांस का इस्तेमाल होता है. इस पर शव यात्रा निकलती है.
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3. बांस का उपयोग शादी या अन्य किसी शुभ अवसर पर मंडप बनाने के लिए भी किया जाता है. यह शुभता का प्रतीक है, ऐसे में इसे जलाना अशुभ माना गया है.
4. फेंगशुई में भी बांस के पौधे का काफी महत्व है. यह भाग्य को जगाता है. जीवन में तरक्की, सकारात्मकता लाता है. ऐसे में बांस को जलाना दुर्भाग्य का कारण बन सकता है. इसी वजह से अगरबत्ती नहीं जलानी चाहिए.
अगरबत्ती नहीं तो क्या जलाएं?
आप पूजा-पाठ के दौरान अगरबत्ती की जगह धूप जला सकते हैं. यह शुभ माना गया है. इससे सुख-शांति बनी रहती है. दोष, दुख दर्द, तनाव, नकारात्मकता दूर होती है. धूप जलाने से ग्रह भी शांत होते हैं, ग्रह दोष दूर होते हैं. जो लोग प्रतिदिन पूजा-पाठ करते हैं, वे अगरबत्ती की बजाय धूप का उपयोग कर सकते हैं. हर दिन पूजा नहीं कर पाते हैं तो धूप जलाने का शुभ दिन कृष्ण पक्ष, पूर्णिमा, अमावस्या, शुक्ल पक्ष की एकादशी आदि पर जला सकते हैं.
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Tags: Astrology, Dharma Aastha
FIRST PUBLISHED : December 5, 2023, 02:16 IST