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<p>आपने कई बार सोशल मीडिया और खबरों में स्पंज सिटी का नाम सुना होगा. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये स्पंज सिटी क्या होती है. आखिर कैसे किसी शहर को स्पंज सिटी कहा जाता है. आज हम आपको बताएंगे कि स्पंज सिटी का क्या मतलब है.<br />&nbsp;</p>
<p><strong>स्पंज सिटी</strong></p>
<p>स्पंज सिटी के नाम की तरह ये सिटी भी होती है. स्पंज का अर्थ यानी फोम होता है. आपने कई बार देखा होगा कि स्पंज अपने आस-पास के पानी को सोख लेता है और कुछ साफ करने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है. इतना ही नहीं फोम अपने आसपास के पानी को सोख लेता है. ऐसे ही स्पंज सिटी प्रोजेक्ट में शहर में भी कुछ ऐसा तैयार किया जाता है, जो अपने आस-पास के पानी को सोख लेता है.&nbsp;</p>
<p><strong>कैसे करेगा काम ?</strong>&nbsp;</p>
<p>इस प्रोजेक्ट में तेज या ज्यादा बारिश के बाद इकट्ठे होने वाली पानी, बाढ़ के पानी को एक जगह स्टोर किया जाता है. जैसे कि एक स्पंज करता है. स्पंज की तरह शहर में पानी को ऑब्जर्व किया जाएगा. इसके बाद उस पानी के जरिए या तो ग्राउंड वाटर लेवल बढ़ाने की कोशिश की जाएगी या फिर पानी को किसी और दूसरे तरीके से इस्तेमाल किया जाएगा. बता दें कि चेन्नई मेट्रोपोलिटन डेवलपमेंट अथॉरिटी भी इस पर काम कर रही है. स्पंज सिटी के जरिए बारिश के पानी का सदुपयोग किया जा सकता है और इसका अहम लक्ष्य अर्बन फ्लड को रोकना है.</p>
<p>बता दें कि यह एक तरह से फ्लड मैनेजमेंट है. इससे बाढ़ और बारिश के पानी का सही तरह से निकास किया जाता है. इस मैनेजमेंट का लक्ष्य जमीनी जल स्तर बढ़ाने के लिए या फिर से उस पानी का इस्तेमाल करना भी है.</p>
<p><strong>कैसे बनाई जाएगी स्पंज सिटी?</strong></p>
<p>जानकारी के मुताबिक स्पंज सिटी बनाने के लिए सरकार की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं. पानी रिसोर्स डिपार्टमेंट का प्लान है कि शहरों में रिचार्ज शाफ्ट बना जाए. रिचार्ज शाफ्ट्स के तहत तालाब या गड्डे बनाए जाएंगे, जिसमें बारिश का पानी इकट्ठा होगा. इस बारिश और बाढ़ के पानी को जमीन में वापस भेजकर जमीन का जल स्तर बढ़ाना है. जानकारी के मुताबिक गड्डों को 80-90 फीट नीचे तक बना जाएगा और इसमें पानी को छोड़ा जाएगा, जिससे पानी जमीन में आसानी से जा सके. बता दें कि ऐसे में पानी को अन्य तरीके से भी इस्तेमाल किया जा सकता है.&nbsp;</p>
<p><strong>कहां बना स्पंज सिटी</strong></p>
<p>जानकारी के मुताबिक भारत के चेन्नई शहर ने 57 से ज्यादा स्पंज पार्कों पर काम चल रहा है.इसके अलावा आंध्र प्रदेश के 15 शहरों को भी स्पंज सिटी बनाने की तैयारी जारी है. इन पार्को के जरिए जमीनी जल स्तर और बाढ़ के पानी का सही इस्तेमाल किया जा रहा है. पानी के सही इस्तेमाल और जमीन के जल स्तर को बढ़ाने के लिए आने वाले समय में कई अन्य शहर भी इस प्रोजेक्ट पर काम कर सकते हैं.&nbsp;</p>
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