पेट्रोल-डीजल की ऊंची कीमत के चलते इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग तेजी से बढ़ी है। सरकार के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल की तुलना में इस अक्टूबर में ईवी रजिस्ट्रेशन में 190 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। अक्टूबर महीने में 1 लाख से अधिक इलेक्ट्रिक गाड़ियों की बिक्री हुई। यह एक नया रिकॉर्ड है। हालांकि, ऑटो सेक्टर के जानकारों का कहना है कि बहुत सारे लोग ईवी गाड़ी खरीदने में बहुत ही जल्दबाजी कर रहे हैं। इससे उनको नुकसान हो रहा है। दरअसल, अभी पेट्रोल कार के मुकाबले इलेक्ट्रिक गाड़ियों की कीमत काफी अधिक है। अगर टाटा की कम्पैक्ट एसयूवी Tata Nexon (XMA S) Petrol की ऑन-रोड कीमत देंखे तो 11.23 लाख रुपये है। वहीं, Tata Nexon Prime (XZ Plus) EV की ऑन-रोड 17.18 लाख रुपये है। यानी इलेक्ट्रिक गाड़ी खरीदने का कॉस्ट करीब 6 लाख रुपये अधिक है। ऐसे में अगर आप रोजाना करीब 46 किलोमीटर गाड़ी नहीं चलाते हैं या महीने में 1380 किलोमीटर को अगले छह साल में भी आपने जो अधिक कीमत चुकाया है उसकी भरपाई नहीं कर पाएंगे।
इस तरह समझें लगात का गणित
अगर आप Tata Nexon (XMA S) Petrol खरीदते हैं तो उसकी ऑन-रोड 11.23 लाख रुपये है। अब अगर आप प्रतिदिन 46 किलोमीटर चलाते हैं तो 6 साल में ईंधन की लागत मौजूदा पेट्रोल की दर से करीब 6,92,857 रुपये आएगा। यानी प्रति किलोमीटर लागत 6.92 रुपये। वहीं, 6 साल में मेंटेनेंस की लागत 50 हजार रुपये मान लेते हैं। इस दौरान इंश्योरेंस की लागत करीब 40 रुपये आएगी। इस तरह 6 साल गाड़ी चलाने का रनिंग कॉस्ट 19.05 लाख रुपये आएगा।
अब इलेक्ट्रिक Tata Nexon Prime (XZ Plus) EV की लगात देंखे तो गाड़ी की ऑन-रोड 17.18 लाख रुपये है। 6 साल के सर्विस चार्ज करीब 30 हजार रुपये, रनिंग कॉस्ट 68,181 रुपये। वहीं, इस दौरान इंश्योरेंस कराने का खर्च करीब 56 हजार रुपये। इस तरह 6 साल में कुल 18.72 लाख रुपये का खर्च आएगा। यानी पेट्रोल गाड़ी के मुकाबले कम लेकिन लगात निकलने में छह साल का वक्त लगा। ऐसे में अगर आप रोजाना गाड़ी नहीं चलाते हैं तो मौजूदा कीमत पर इलेक्ट्रिक गाड़ी लेना नुकसान का सौदा होगा।
लागत निकालने के लिए एक लाख किलोमीटर चलाना जरूरी
हालांकि, यह लागत निकालने के लिए जरूरी है कि आप 6 साल में कम से कम 1,00,000 किलोमीटर गाड़ी चलाएं या रोजना 46 किलोमीटर। अगर इससे कम आपकी ड्राइविंग रेंज तो अभी इलेक्ट्रिक गाड़ी लेना फायदेमंद नहीं है। आपके लिए पेट्रोल गाड़ी लेना फायदेमंद होगा। आगे चलकर जब बैट्ररी की लागत कम हो जाएगी और सभी जगह चार्जिंग स्टेशन बन जाएंगे तो फिर इलेक्ट्रिक गाड़ी लेना सही रहेगा।