यरूशलम: इजराइल और हमास के बीच जारी जंग के बीच प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अपने ही देश में घिरते हुए नजर आ रहे हैं। नेतन्याहू के खिलाफ लोगों में गुस्सा भी देखने को मिल रहा है। हमास के खिलाफ बीते साल अक्टूबर में युद्ध शुरू होने के बाद से सबसे बड़े सरकार विरोधी प्रदर्शन के तहत रविवार को हजारों इजराइली यरूशलम में संसद भवन के बाहर जमा हुए। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से गाजा में हमास की तरफ से बंधक बनाए गए दर्जनों लोगों को छुड़ाने के लिए समझौते पर पहुंचने और निर्धारित समय से पहले चुनाव कराने का अनुरोध किया।
हमास आतंकियों ने किया हमला
देखने वाली बात यह भी है कि, लगभग छह महीने से जारी युद्ध को लेकर इजराइली समाज में मतभेद भी नजर आने लगा है। बीते साल सात अक्टूबर को सीमा पार कर आए हमास के आतंकियों ने हमला किया था। इस आतंकी हमले में 1,200 लोगों की मौत हो गई थी और 250 लोगों को बंधक बना लिया गया था। नवंबर में एक सप्ताह के संघर्ष विराम के दौरान लगभग आधे बंधकों को रिहा कर दिया गया था।
परेशान हैं बंधकों के परिजान
आतंकी हमले के बाद इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतान्याहू ने हमास को खत्म करने और सभी बंधकों की घर वापसी का संकल्प लिया है। हालांकि, उनका यह लक्ष्य पूरा होता हुआ नहीं दिख रहा है। युद्ध में हमास को काफी नुकसान हुआ है, लेकिन वह अब भी खत्म नहीं हुआ है जबकि बंधकों के परिवारों को लगता है कि समय निकलता जा रहा है।
‘विफल हो गए हैं नेतन्याहू’
यरूशलम में संसद भवन के बाहर जमा हुए प्रदर्शनकारी ईनाव मोसेस ने कहा, “छह महीने बाद ऐसा लगता है कि सरकार को समझ आ गया है कि नेतन्याहू एक बाधा हैं। ऐसा लगता है कि वह वास्तव में उन्हें (बंधकों) वापस नहीं लाना चाहते और इस मिशन में विफल हो गए हैं।” मोसेस के ससुर गेडी मोसेस को बंधक बनाया गया है। एपी
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