Hisar हरियाणा के हिसार जिले के गांव स्याहड़वा में किसान जयपाल हुड्डा के रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी सेना और NDRF की टीम सोमवार शाम को सात बजे के करीब अभियान रोक दिया। असल में कुएं की मिट्टी निकालने के दौरान कुआं नीचे धंस गया। इससे बचाव कार्य में लगे जवानों की चिंता बढ़ गई है। अब NDRF और सेना के वरिष्ठ अधिकारी इसकी रणनीति बना रहे हैं कि 36 घंटे से ज्यादा समय से मिट्टी के नीचे फंसे किसान जयपाल को निकालने के लिए अभियान किस प्रकार से चले। कभी खराब मौसम तो कभी मिट्टी गिरने से बचाव के अभियान को बार बार रोकना पड़ रहा है। जिस समय कुएं की मिट्टी धंसी उस समया एनडीआरएफ का जवान भी अंदर था। उसे तुरंत ही बाहर खींचकर बचाया गया। इसके बाद रेस्क्यू ऑपरेशन रोक दिया गया।
बता दें कि राहत दल ने बताया कि वो किसान को तलाश करते हुए कुएं में करीब 45 फुट तक जा पहुंचे हैं। ज्यादा गहराई पर मिट्टी गिरने के भय से पोकलेन मशीनों को रोक दिया गया है। बाल्टियों के सहारे मिट्टी निकाली जा रही थी, लेकिन कुआं अचानक से नीचे धंस गया है। इससे बचाव अभियान को फिलहाल रोकना पड़ा।
बता दें कि सेना और NDRF की टीम पिछले 24 घंटे से यहां रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही है। सुबह 4:37 बजे मजदूर जगदीश उर्फ फौजी को मृत हालत में निकाला गया था। अब किसान जयपाल मिट्टी के नीचे दबा है। उसे 35 घंटे बाद भी निकाला नहीं जा सका है। सोमवार को रेस्क्यू ऑपरेशन को उस समय धक्का लगा जबकि 35 फुट खुदाई पर पोकलेन मशीन से मिट्टी कटाव के दौरान कुएं में फिर से मिट्टी की थेह गिर गई। कहा जा रहा है कि बचाव दल किसान के आसपास पहुंच चुका है। कोई और दिक्कत खड़ी नहीं हुई तो जल्द ही उसे निकाला जा सकता है।
बता दें कि कुएं में मिट्टी के नीचे दबे दो लोगों में से एक मजदूर जगदीश उर्फ फौजी को सेना और NDRF की टीम ने 21 घंटे बाद सोमवार सुबह 4:37 बजे बाहर निकाला। वह पूरी तरह से मिट्टी में दबा हुआ था और उसकी मौत हो चुकी थी। खेत मालिक जयपाल काे निकालने के लिए कुएं से मिट्टी निकालने का काम दोबारा शुरू हो गया है। उसे 30 घंटे बाद भी बाहर नहीं निकाला जा सका है।
खराब मौसम के चलते करीब तीन घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन रोकना पड़ा। अब करीब तीन घंटे से उसको निकालने के लिए सेना और NDRF की टीम लगी है। जयपाल के कई फुट नीचे मिट्टी में दबे होने की बात सामने आई है। इससे पहले खराब मौसम और बार बार बिजली गुल होने के चलते रात को रेस्क्यू अभियान को जारी रखने में कड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
बता दें कि हिसार से करीब 33 किलोमीटर दूर भिवानी बॉर्डर पर स्थित गांव स्याहड़वा जिला हिसार का अंतिम गांव है। रविवार सुबह सवा सात बजे के करीब गांव स्याहड़वा का किसान जयपाल गांव के ही एक मजदूर जगदीश उर्फ फौजी को लेकर खेत में गया था। जयपाल को अपने खेत में बने गहरे कुएं में पानी की मोटर को रखने के लिए बरगा लगाना था। इस दौरान जयपाल ने कुएं में सीढी लगाई और जगदीश ने उपर से सीढ़ी को पकड़ लिया। जयपाल कुएं में उतर गया।
जयपाल कुएं के अंदर बरगा डालने के लिए उसकी दीवार में छेद कर ही रहा था कि कुएं की मिट्टी नीचे खिसक गई। मिट्टी की एक बड़ी थेह गिरने से जयपाल उसके नीचे दब गया। इस बीच सीढ़ी भी अचानक नीचे खिसक गई और उसे पकड़े खड़ा मजदूर जगदीश भी नीचे जा गिरे। वह भी मिट्टी में दब गया।
40 फुट गहरे कुएं में गिरे जयपाल और जगदीश को बचाने के लिए रविवार सुबह से ही अभियान चल रहा था। JCB से मिट्टी हटाई गई, लेकिन रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी शाम को 5 बजे के बाद तब आई जबकि सेना और NDRF की टीम ने मोर्चा संभाला। चार पोकलेन मशीनों से कुएं के समानांतर खुदाई की गई। रात को मौसम भी खराब हुआ, लेकिन अभियान चालू रहा। खराब मौसम और बिजली गुल होने के कारण बीच बीच में कुछ समय के लिए अभियान को ब्रेक देना पड़ा।
सोमवार सुबह 4:37 बजे कुएं से जगदीश उर्फ फौजी को बाहर निकालने में सफलता मिली। इससे पहले बचाव दल ने कुएं में फंसे लोगों को सीधे एंबुलेंस तक ले जाने के लिए एक रैंप भी तैयार कर लिया। जगदीश को ऊपर लाया गया तो वहां मौजूद डॉक्टरों की टीम ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया
इस बीच सुबह 4:40 बजे तेज अंधड़ शुरू हो गया। इसके चलते कुएं में फंसे खेत मालिक जयपाल को निकालने के लिए चल रहा रेस्क्यू ऑपरेशन रोक देना पड़ा। सेना व NDRF की टीम ने सुबह 7 बजे के फिर से कुएं से मिट्टी की खुदाई का काम शुरू कर दिया है।