अब सैमसंग मोबाइल फोन का स्क्रीन (ग्लास) यही बनाएगा। वियतनाम, चीन के बाद भारत तीसरा देश होगा जहां सैमसंग स्क्रीन बनाने जा रहा है। शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में ये निर्णय लिया गया। इसकी फैक्ट्री नोएडा में लगाई जाएगी। इसमें  सैमसंग लगभग पांच हजार करोड़ रुपए का निवेश करेगा। स्क्रीन यहां बनने के बाद मोबाइल की कीमते कम हो जाएंगी।

सैमसंग डिस्प्ले नोएडा प्रा. लिमिटेड के नाम से यह फैक्ट्री सैमसंग इण्डिया इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड के परिसर में ही लगाई जाएगी। सैमसंग चीन से अपनी फैक्ट्री यहां स्थानांतरित कर रहा है। राज्य सरकार की इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण नीति में पुरानी मशीनों को यहां लगाने पर भी सहमति दी गई है।

आईटी व इलेक्ट्रॉनिक विभाग के अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार ने यह जानकारी दी है। राज्य सरकार नीति के तहत 250 करोड़ रुपए की कैपिटेल सब्सिडी देगी। इसमें 150 करोड़ नीति के तहत और 100 करेाड़ रुपए अलग से दिए जाएंगे। वहीं सरकार स्टाम्प ड्यूटी में भी छूट देगी। स्टाम्प ड्यूटी में छूट जमीन पर मिलती है लेकिन सैमसंग को बनी हुई बिल्डिंग पर भी यह छूट दी जाएगी। इसके अलावा नोएडा विकास प्राधिकरण भी कई तरह की छूट सैमसंग को देगा। नीति के मुताबिक  जियो लिक्विड डिस्चार्ज बनाने से भी प्रदूषण कल्याण बोर्ड ने छॅूट दी है। इसे बनाने में 25-30 करोड़ रुपए की लागत लगती है।

एक अक्टूबर से स्क्रीन के आयात पर 10 फीसदी की कस्टम ड्यूटी लग गई थी इसके चलते मोबाइल के महंगे होने की संभावनाएं बढ़ गई थीं। लेकिन अब सैमसंग के यहां स्क्रीन बनाने के बाद अन्य मोबाइल निर्माता कम्पनियों को भी इसका लाभ मिलेगा। यहां ओलेड तकनीक से स्क्रीन बनाए जाएंगे। भविष्य में यहां लैपटॉप, टैबलेट, टीवी आदि की स्क्रीन बनने की भी संभावना है।

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