नोएडा के बोड़ाकी के पास प्रस्तावित लॉजिस्टिक हब और मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब बसाने की तैयारी और तेज हो गई है। केंद्र सरकार ने इस परियोजना की जमीन खरीदने के लिए 500 करोड़ रुपये और दे दिए हैं। इससे पहले केंद्र से बीते वित्तीय वर्ष में भी 350 करोड़ रुपये मिल चुके हैं।
हाल ही में केंद्र सरकार से इस परियोजना को मंजूरी भी मिल चुकी है। इन प्रोजेक्ट को करीब 1208 हेक्टेयर में इसे बसाया जा रहा है। इसके लिए पांच गांवों की जमीन पाली, पल्ला, कठहेरा, बोड़ाकी व चिटेहरा की जमीन ली जाएगी। जाएगी। एक तरफ यात्रियों के लिए मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब विकसित किया जा रहा है तो दूसरी तरफ उद्योगों के माल ढुलाई के लिए लॉजिस्टिक हब विकसित हो रहा है। इन दोनों को विकसित करने में करीब 3884 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अगले पांच साल में ये मूर्त रूप में आ जाएंगी।
मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब प्रोजेक्ट के तहत रेलवे, बस अड्डा व मेट्रो कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी। बोड़ाकी के पास ही टर्मिनल बनाया जाएगा। इस पर रेलवे ने मंजूरी दे दी है। यहां से पूरब की ओर जाने वाली अधिकतर ट्रेनें चलेंगी। ग्रेटर नोएडा व उसके आसपास रहने वालों को पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल आदि के लिए ट्रेनें यहीं से मिल सकेगी। अंतर्राज्यीय बस अड्डा भी पहले ही मंजूर हो चुका है। इसके अलावा डिपो स्टेशन से मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब तक मेट्रो स्टेशन पर भी मुहर लग चुकी है। ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण के उद्योगों की जरूरत को देखते हुए लॉजिस्टिक हब परियोजना बेहद अहम है। इसके मूर्त रूप में आने के बाद माल ढुलाई आसान हो जाएगी। मुंबई, गुजरात आदि जगहों पर जाने में चार से पांच दिन लगता है, दादरी के पास से गुजर रही डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर इससे जुड़ेगा। इसके अलावा लॉजिस्टिक हब में वेयर हाउस भी बनेंगे। केंद्र सरकार से लॉजिस्टिक हब व मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब के लिए 500 करोड़ और मिले हैं। जमीन खरीदने की प्रक्रिया और तेज होगी। अब तक 227 हेक्टेयर जमीन खरीदी जा चुकी है।- नरेंद्र भूषण, सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण