ब्लाक प्रमुख की कुर्सी के लिए सियासी पिच तैयार
दिग्गजों ने बहुमत जुटाने के लिए झोंकी ताकत
पूरा हो चुका है टोकर मनी का खेल, अब बीडीसी को रखना है संभालकर
ब्लाक भोजपुर के प्रथम नागरिक की कुर्सी के सपने को साकार करने के लिए वर्चस्व की लड़ाई, मैदान मारने के लिए सियासी पिच तैयार हो चुकी है। खिलाडियों के चयन के लिए पक्ष व विपक्ष की टीमें मैदान में होंगी। फिलहाल दिग्गजों ने अपने बहुमत को जुटाने की कवायद शुरू कर दी है।
भोजपुर ब्लाक में प्रमुख के लिए बीडीसी सदस्यों से संपर्क जारी है। प्रलोभन का सहारा हो या फिर सियासत का वर्चस्व, खूब गोटियां बिछ रहीं हैं। क्षेत्र पंचायत के 102 सदस्यों को मतदाता के रूप में पक्ष व विपक्ष में जुटाया जाएगा। संभावित उम्मीदवार अपने पाले में करने की जुगत में लग गए हैं। राजनीतिक दिग्गजों की दौड़ शुरू हो गई है।
ऐसे में अनुसचित जाति महिला वर्ग के लिए आरक्षित ब्लाक प्रमुख पद की लड़ाई दिलचस्पी होने वाली है। अभी तिथियां निर्धारित नहीं हैं। हालांकि ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत व जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव व मतगणना होने के बाद तस्वीर साफ हो गई है। दावेदार निर्वाचित बीडीसी सदस्यों के यहां चक्कर काट रहे हैं। उन्हें तरह-तरह के वादे व मान-सम्मान का वादा कर अपने पाले में करने का प्रयास किया जा रहा है। ताकि चुनाव में उनका पलड़ा भारी रहे। जाहिर है कि किसी भी पद के लिए आधे से अधिक सदस्यों का समर्थन रहेगा तभी कुर्सी उसी के पाले में जाएगी।
वर्चस्व बचाने को दिग्गजों ने झोंकी ताकत
नाते-रिश्तेदारों के साथ ही जातीय कार्ड भी खेला जा रहा। ताकि उनका भरोसा बना रहे और ऐन वक्त पर पाला न बदलें। कई राजनीतिक दिग्गजों ने तो बीडीसी सदस्य पदों का आरक्षण बदलने के बाद अपने भरोसेमंद लोगों को चुनाव लड़ाया। उनके नामांकन से लेकर चुनाव जीतने तक सारा खर्च किया। कई क्षेत्रों में ऐसे उम्मीदवार जीतकर अपने आका के पाले में हैं। इनके बूते इस बार दिग्गजों ने ब्लाक की राजनीति में अपना दबदबा कायम करने का मंसूबा पाल रखा है।
पूरा हो चुका है टोकर मनी का खेल, अब बीडीसी को रखना है संभालकर
ब्लाक भोजपुर से हांलाकि अभी तक प्रमुख पद के लिए तीन-चार दावेदारों के नाम सामने आयें है। इनमें प्रमुख दावेदारों में वैशाली एडवरटाईजिंग कंपनी के डायरेक्टर विनोद की पत्नी सुधा व पूर्व ग्राम प्रधान गांव लतीफपुर तिबड़ा श्रीमती सुचेता सिंह का नाम भाजपा टिकट दावेदारों में प्रमुखता से लिया जा रहा है। अब देखना ये है कि शीर्ष नेतृत्व की मेहरबानी से किसके सिर ताज बंधेंगा। त्रिस्तरीय चुनाव के बाद से ही दावेदार बीडीसी को अपने पक्ष में करने को एंटी चोटी का जोर लगा चुके है, ओर अधिकतर बीडीसी को टोकन मनी दिए जाने की चर्चा है, लेकिन बात तो अब है कि दावेदार कब तक बीडीसी को संभालकर रखेंगे। इस देनलेन को लेकर हालांकि स्थानीय खुफियां विभाग भी अलर्ट मोड़ पर है।
दो दावेदारों के बीच भाजपाईयों में गुटबाजी
भाजपा के दो प्रमुख दावेदारों के बीच भाजपा की स्थानीय इकाई में भी गुटबाजी साफ नजर आ रही है। भाजपा का एक गुट जंहा सुधा के पक्ष में आकर खड़ा हो गया है, वही स्थानीय नेतृत्व का एक बड़ा वर्ग सुचेता सिंह के पक्ष में नजर आ रहा है। इस सारे मामले पर जिलाध्यक्ष दिनेश सिंघल कह चुके है कि कोई गुटबाजी नही है, शीर्ष नेतृत्व का निर्णय ही मान्य होगा। टिकट मांगना प्रत्येक नागरिक का मौलिक अधिकार है।