दिल्ली समेत तमाम रूटों पर रोडवेज रंग में रंगी अनाधिकृत प्राइवेट बसें संचालित हो रही हैं। डग्गेमार बसों के संचालक इतने बेखौफ हैं कि वे सीधे ही बस स्टैंड के बाहर बसें खड़ी कर उनमें सवारियां भरकर ले जाते हैं। फिर भी संबंधित अफसर आंखें बंद किए हुए हैं। इससे रोडवेज को रोजाना ही हजारों रुपये के राजस्व का घाटा उठाना पड़ रहा है। इतना ही नहीं तत्कालीन डीएम के आदेश के बाद इन बसों को प्रतिबंधित कर दिया गया था, फिर भी यह दिल्ली- मेरठ मुख्य मार्ग पर बेखौफ सवारियां भर दौड़ती नजर आ रही है। इनसे जाम भी लग रहा है और शहरवासियों की परेशानी का भी शबब बन रही हैं। इतना सब होने के बाद भी आखिर किसकी शह पर डग्गेमार बसें दौड़ रही हैं।
विभिन्न रूटों पर चल रही बसें
रोडवेज बस के रंग में रंगी हुई प्राइवेट बसें बिना किसी रोक-टोक आ जा रही हैं। चर्चा है कि पुलिस व आरटीओ विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से दिल्ली, गाजियाबाद, हरियाणा, फरीदाबाद, बदरपुर आदि के लिए बसों का संचालन होता है। शहर में जाम तो लगता ही है। इन बसों के चलते रोडवेज को भी रोजाना हजारों रुपये के राजस्व का चूना भी लग रहा है। फिर भी इस ओर विभागीय अधिकारी कतई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
डीएम के आदेशों का उल्लंघन
तत्कालीन डीएम अजय शंकर पाण्डेय ने शहर में लगने वाले जाम को देखते हुए प्राइवेट वाहनों व बसों को अंदर न आने देने के आदेश दिए थे, लेकिन रोडवेज रंग में रंगी बसों का संचालन धड़ल्ले से जारी है। अधिकारियों का तर्क है कि प्राइवेट बसों के सवारियां भरकर ले जाने की शिकायत मिली है। संबन्धित विभाग को पत्र भेजकर इन बसों की धरपकड़ कराने और उनका संचालन बंद कराने का अनुरोध किया गया है। अगर बसें शहर में आ रही हैं तो उनकी धरपकड़ को अभियान चलाया जा रहा है । कई बसों को पकड़कर जुर्माना, सीज आदि की कार्रवाई की गई है। अवैध डग्गेमार बसों का संचालन हर कीमत पर रोका जाएगा।