मोदीनगर। दसवीं में जिनके अंक 90 से ऊपर नहीं पहुंच पाए, उनके चेहरे पर उदासी रही। उन्हें उम्मीद थी, कि परीक्षा देते तो शायद और अंक आ सकते थे। कई छात्राएं व छात्र तो 90 से ऊपर अंक आने के बाद भी मायूस दिखे। कई छात्राओं ने कहा कि 80 फीसद अंक आए हैं लेकिन, मायूस हैं। परीक्षा देती तो और अच्छे अंक प्राप्त कर सकती थी। क्योंकि बोर्ड को लेकर गंभीर ज्यादा थी, इसलिए प्री बोर्ड के बाद बहुत मेहनत की थी।
तिषिका शर्मा कहती हैं कि 89. 4 फीसद अंक मिले हैं, मैं संतुष्ट हूं। एक अंक और मिल जाता तो 90 से ऊपर अंक प्राप्त करने वालों की श्रेणी में होती। अरुणिमा कहती हैं कि 95 फीसद अंक आए हैं। मुझे 98 फीसद अंक आने की उम्मीद थी। सभी स्कूलों में ऐसे छात्र थे, जो स्कूल पहुंचे। लेकिन, पास होने के बाद भी चेहरे पर कुछ उदासी थी। ऐसे छात्र-छात्राओं का आत्मविश्वास प्रधानाचार्यों ने बढ़ाया। परिजनों ने उनको हौसला देते हुए कहा कि जितने अंक आए हैं, उनको लेकर मायूस न हों बल्कि आगे की पढ़ाई और अच्छे से करेंगे तो मेहनत रंग लाएगी। छाया पब्लिक स्कूल के प्रशासनिक अधिकारी डाॅ0 अरूण त्यागी कहते है कि जिनके अंक कम आए हैं, वह मायूस न हों। भौतिक रूप से परीक्षा देने का मौका मिलेगा। अगर, और बेहतर करने के लिए आत्मविश्वास है तो सीबीएसई बोर्ड ने भौतिक रूप से परीक्षा में बैठने का भी विकल्प रखा है। मानसिक तनाव न लें। जितने अंक मिले हैं, उनसे अब आगे का सबक लेकर और अच्छी पढ़ाई करेंगे तो और अच्छी सफलता मिलेगी।