मेरठ (Meerut) के आबकारी दफ्तर से विजीलेंस की मेरठ यूनिट ने आबकारी इंस्पेक्टर को 66 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि आबकारी इंस्पेक्टर शराब की दुकानों से हर महीने पांच हजार की अवैध वसूली कर रहा था। उसके खिलाफ कोतवाली थाने में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में केस दर्ज किया गया है।

जानकारी के मुताबिक किठौर के माछरा निवासी यतेंद्र कुमार शर्मा और अनुज कुमार शर्मा ने गडीना और सोलदा गांव में शराब की दुकानें खोल रखी है। आरोप है कि मवाना सर्किल के आबकारी निरीक्षक अतुल कुमार त्रिपाठी उन दोनों से हर महीने 5000 रुपये वसूलते थे। आरोप है कि कोरोना के कारण लॉकडाउन के दौरान शराब के ठेके बंद होने से वे दोनों रकम नहीं दे सकें, जिसके चलते सात माह के करीब 66 हजार बकाया हैं। इस कारण अतुल कुमार उनका 25 हजार का चालान करने की धमकी दे रहे थे। जिसके बाद यतेंद्र ने एसपी विजीलेंस कुंवर अनुपम सिंह से शिकायत की।

यतेंद्र शर्मा की शिकायत पर आबकारी निरीक्षक की तीन दिनों तक निगरानी की। आबकारी निरीक्षक ने सोमवार को यतेंद्र और अनुज से 66 हजार रुपये की मांग की। दोनों भाईयों ने निरीक्षक को रकम देने के लिए सात बजे आबकारी ऑफिस ईव्ज चौराहे पर समय मांगा। दोनों भाईयों के साथ विजीलेंस की टीम के सीओ सुधीर कुमार, इंस्पेक्टर अनुराधा सिंह, संजय शर्मा,  गणेश दत्त जोशी, पुष्पा गर्ग और कांस्टेबल राजबीर आबकारी ऑफिस में मौजूद थे। आबकारी निरीक्षक अतुल त्रिपाठी के द्वारा 66 हजार की रिश्वत ली गई, तभी विजीलेंस की टीम ने उसको गिरफ्तार कर लिया। उसके बाद कोतवाली थाने लेकर आ गए, जहां पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम में मुकदमा दर्ज कर लिया है। मौके पर एसपी बिजीलेंस कुंवर अनुपम और एसपी सिटी अखिलेश नारायण सिंह ने आबकारी निरीक्षक से पूछताछ की।

मूलरूप से प्रयागराज के रहने वाला आबकारी निरीक्षक अतुल त्रिपाठी के पास मवाना सर्किल की 60 शराब की दुकानें थी। पता चला है कि इन सभी दुकान से अतुल त्रिपाठी प्रति माह पांच हजार रुपये वसूलता था। रकम नहीं देने पर 25 हजार चालान की धमकी दी जाती थी। वसूली की रकम नहीं देने पर कई दुकानदारों को चालान भी काट चुके है।

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