Home Gonda News Gonda : आपदा प्रबन्धन को लेकर विभिन्न विभागों के कर्मियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न

Gonda : आपदा प्रबन्धन को लेकर विभिन्न विभागों के कर्मियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण सम्पन्न

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जिलाधिकारी मार्कण्डेय शाही के निर्देशन में जनपद के 50 गांवों में आपदा प्रबन्धन हेतु जिला पंचायत सभागार में स्वास्थ्य विभाग, पशु पालन, शिक्षा, कृषि, मत्स्य, बाढ़ खण्ड, पुलिस, फायर सर्विस तथा राजस्व विभाग के लेखपालों, नायब तहसीलदारों व तहसीलादारों को आपदा प्रबन्धन का प्रशिक्षण दिया गया। जिला आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण व टाइम्स ग्रुप ऑफ़ इण्डिया के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित एक दिवसीय प्रशिक्षण का शुभारम्भ अपर जिलाधिकारी राकेश सिंह ने किया।

प्रशिक्षण में कर्मियों को आपदा प्रबन्धन का प्रशिक्षण दिया गया तथा शीत लहर, बाढ़, सूखा, भूकम्प, सुनामी जैसी आकस्मिक आपदाओं से निपटने व पूर्व तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। मास्टर ट्रेनर द्वारा प्रशिक्षुओं को बताया गयाा कि समय-समय पर शीत लहर, बाढ़, सूखा, भूकम्प, सुनामी जैसी आकस्मिक आपदाएं आती ही रहती हैं और इनके कारण जीवन और सम्पत्ति की बहुत हानि होती है। इसलिए यह बहुत महत्त्वपूर्ण है कि इन प्राकृतिक आपदाओं का सामना करने और जहाँ तक सम्भव हो इन आपदाओं को कम से कम करने के उपाय और साधन खोजे जाएँ। आग, दुर्घटना तथा महामारी आदि द्वारा होने वाली आपदा विनाशकारी प्राकृतिक विपत्तियों की तरह ही आकस्मिक होती हैं और उन्हीं के समान विनाशकारी भी होती हैं। उन्होंने बताया कि आपदाओं से होने वाले नुकसान का आकड़ा हमारी आपदा से पूर्व की तैयारी पर निर्भर करता है। यदि हमारी पूर्व की तैयारी और जानकारी अच्छी है तो निश्चित ही आपदा के दौरान नुकसान कम से कम होगा। इसलिए आपदा प्रबन्धन के महत्व व बारीकियों को जानना बेहद जरूरी है।

Disha Bhoomi
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प्रशिक्षण कार्यक्रम में राजस्व विभाग के समन्वय से आपदाओं के पूर्व व आपदा के दौरान की जाने वाली तैयारियों तथा कार्यवाहियों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया तथा बताया गया कि आपदाओं सेे निपटने के लिए क्या, कब और कैसे करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आपदा दो प्रकार की होती हैं-प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदा। उदाहरण के लिये-आग, दुर्घटनाएँ (सड़क, रेल या वायु) औद्योगिक दुर्घटनाएँ या महामारी मानव निर्मित आपदाओं के कुछ उदाहरण हैं। प्राकृतिक और मानव निर्मित दोनों ही आपदा भयानक विनाश करती हैं। मानव जीवन की क्षति, जीविकोपार्जन के साधनों, सम्पत्ति और पर्यावरण का नुकसान इन आपदाओं के कारण होता है।

जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव ने आपदाओं के प्रकार तथा खतरनाक रासायनिक जोखिमों के बारे में बहुत की रोचक ढंग से लोगों को प्रशिक्षित किया तथा सवालों व जवाबों के माध्यम से अधिकारियों का ज्ञानवर्धन किया। इस दौरान मास्टर ट्रेनर, जिला आपदा विशेषज्ञ राजेश श्रीवास्तव सहित अन्य सम्बन्धित विभागों के प्रशिक्षु कर्मचारी उपस्थित रहे।

श्याम बाबू कमल गोंडा

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