हाइलाइट्स
जब भी कोई नया कैदी जेल में आता है तो उसे स्थायी वार्ड या बैरक में भेजने के पहले कई औपचाकताएं पूरी की जाती हैं
आमतौर भारतीय जेलों के मुख्य नियम अंग्रेजों के समय के ही हैं लेकिन समय समय पर उनमें बदलाव किया जाता रहा है
हिंदुओं को जेल में चुटिया रखने की छूट मिलती है, वो बाल और दाढ़ी को लेकर जेल में होते हैं सख्त नियम
टीवी एक्ट्रैस तुनिशा शर्मा के खुदकुशी मामले में पुलिस ने उसके सह कलाकार शीजान खान को गिरफ्तार किया है. शाजीन को जेल भेज दिया गया है. जेल में उसने अपने बाल नहीं काटने के लिए अनुरोध किया था लेकिन जेल मैन्युअल के आधार पर जेल सुपरिटेंड का क्या कहना है और जेल बहुत सी बातों पर क्या कहता है. जानते हैं.
गृह मंत्रालय के पुलिस रिसर्च ब्यूरो द्वारा वर्ष 2003 में जारी मॉडल प्रिजन मैन्युअल में जेल में कैदियों संबंधी तमाम नियम और कायदों का जिक्र किया है, जो जेल में बंद विचाराधीन कैदियों से लेकर कठोर सजा पाए प्रिजनर्स पर लागू होते हैं. जेल सुपरिटेंडेंट इसी के अनुसार जेल में प्रबंधन करते हैं और कैदियों को रखा जाता है. उन्हें तमाम सुविधाएं दी जाती हैं.
सवाल – जेल में कैदियों के बाल काटने और दाढ़ी रखने को लेकर क्या नियम हैं?
– जेल मैन्युअल कहता है कि जेल में सिख कैदियों को छोड़कर सभी कैदियों के बाल स्वच्छता और हाइजीन को देखते हुए काटे जाते हैं. इसके लिए जेल में नाई या हेयर कटिंग्स के लिए लोग रहते हैं. वो कैदियों के बालों को काटकर छोटा कर देते हैं. जेल में रहने वाले किसी भी कैदी को लंबे बाल रखने की अनुमति नहीं होती. बस धार्मिक तौर पर सिख ही उससे अलग होते हैं.
भारतीय जेलों में कैदियों के लिए एक मैन्युअल है, जिसमें उनकी हर सुविधा, अधिकार और नियमों के बारे में बताया गया है. जेल में कैदियों को इसी के अनुसार रखा जाता है और उनसे इसी अनुशासन में रहने अपेक्षआ भी की जाती है. (File Photo)
सवाल – क्या जेल में दाढ़ी और चोटी भी काट दी जाती है?
– हिंदू कैदी अगर चाहें तो चोटी रख सकते हैं, क्योंकि धर्म उन्हें चोटी रखने की इजाजत देता है. इसी तरह सभी कैदियों को दाढ़ी रखने की अनुमति नहीं है. उन्हें नियमित तौर पर शेविंग करनी या करानी होती है. केवल मुस्लिम कैदियों को दाढ़ी रखने की अनुमति होती है.
सवाल – जब कोई कैदी जेल के अंदर दाखिल होता है तो उसे क्या क्या करना होता है?
– जब भी कोई नया कैदी जेल में आता है, तो उसे पहले आगंतुक वार्ड में रखा जाता है. इसके बाद जब ये तय हो जाता है कि उसे जेल में कहां रखना है और जेल संबंधी उसकी सारी औपचारिकताओं पूरी हो जाती हैं, तब उसे स्थायी वार्ड में शिफ्ट किया जाता है. जेल में दाखिल होते समय कैदियों के साथ ये किया जाता है
1. बाल काटे जाएंगे और दाढी बनाई जाएगी
2. उसे ऐसी क्रीम दी जाएगी, जो संक्रमणरोधी हो, इसे उसे लगाना होगा
3. उसके सारे साथ आए सामानों को डिसइंफैक्ट करके एक लॉकर में रख दिया जाएगा. इसमें उसके पहनकर आए कपड़े, कागज, पर्स, घड़ी या अन्य सामान होंगे. इसका विवरण उसकी फाइल में दर्ज कर लिया जाएगा. जिसे हिस्ट्री टिकट कहते हैं.
4. वार्ड में भेजने से पहले उसे जेल के कपड़े, बिस्तर और बर्तन दिया जाता है.
5. पूरा मेडिकल परीक्षण किया जाता है.
6. पहचान दर्ज की जाती है.
7. उसकी फाइल में उससे संबंधी आरोपों, कानूनी मसलों आदि को दर्ज किया जाता है.
8. फिंगर प्रिंट और फोटोग्राफ लिए जाते हैं.
9. जांच की जाती है कि कैदी ड्रग एडिक्ट तो नहीं है.
जब भी कोई नया कैदी जेल में आता है तो उसे पहले आगंतुक वार्ड में अस्थायी तौर पर रखा जाता है. इसी बीच उसके स्वास्थ्य से लेकर तमाम बातों की जांच होती है. हिस्ट्री टिकट बनता है. इसके बाद ही उसे स्थायी वार्ड में ट्रांसफर कर दिया जाता है. (फाइल फोटो)
सवाल – कैदी को आगतुंक वार्ड से हटाकर जब स्थायी बैरक या वार्ड में भेजते हैं तो उसे किस तरह जेल के नियम कायदेकानून बताए जाते हैं?
– आगुंतक वार्ड के बाद जब कैदी स्थायी वार्ड में भेजा जाता है तो उससे पहले उसे एक ओरिएंटेशन प्रोग्राम से गुजरना होता है, जिसमें उसे जेल के नियमों, अनुशासन, अधिकारों, सुविधाओं के बारे में बताया जाता है.
सवाल – जेल में क्या हर कैदी को अलग यूनिफॉर्म अलाट होती है?
– हां जैसे ही किसी कैदी को वार्ड या बैरक अलाट हो जाती है, उसे उसकी नाप के साफ सुथरे दिए जाते हैं, जिसे उसको पहनना होता है, विचाराधीन और हल्की सजा वाले कैदियों की यूनिफॉर्म कठोर सजा पाए या आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे कैदियों से अलग होते हैं. इससे जेल में पता लग जाता है कि कौन सा कैदी किस कैटेगरी का है.
हफ्ते में कम से कम एक दिन उसे अपने कपड़ों की सफाई जरूर करनी होती है. हर कैदी को इसके लिए हर महीने साबुन का बार और सर्फ इश्यू किया जाता है. अगर कपड़े फट गए हैं या सिलाई खुल गई है तो रविवार के दिन वो उसे मेंटीनेस में जाकर ठीक करा सकते हैं. जेल में पहनने के लिए उन्हें एक सैंडल भी मिलती है.
सवाल – जब कैदी जेल से बाहर अदालत में सुनवाई के लिए जाता है तो क्या जेल की ही यूनिफॉर्म में जाता है?
– नहीं, तब कैदी को अपने प्राइवेट कपड़े पहनने होते हैं. जो उसकी लॉकर में रखे होते हैं. कई बार संबंधी इसके अलावा भी अन्य कपड़े उसके लिए लेकर आते हैं, जो वह पहनकर जाता है. हालांकि जेल में वापस आते ही उसे ये कपड़े उतारने होते हैं. जब कैदी की सजा पूरी हो जाती है तो वो जेल के कपड़े वापस कर देता है. कई बार इन कपड़ों को जेल की लांड्री में धोकर दूसरे नए कैदियों के लिए रख लिया जाता है तो कई बार इन्हें डिस्पोज भी कर देते हैं.
सवाल – कैदियों के खानपान के लिए क्या नियम हैं?
– सामान्य तौर पर कैदियों को जेल में तीन बार खाने के लिए मिलता है. जेल मैन्युअल के अनुसार सुबह चाय और नाश्ता. करीब 12.30 बजे दोपहर का भोजन और शाम 07.30 बजे रात का भोजन दिया जाता है. पुरुषों को रोजाना 2000 से 2400 कैलोरी का भोजन मिलता है लेकिन अगर कोई भारी काम कर रहा है तो उसका भोजन 2800 कैलोरी तक भी होता है.
महिलाओं की रोजाना की खुराक 2400 कैलोरी की होती है लेकिन अगर वो गर्भवती हैं तो उन्हें ज्यादा पौष्टिता वाले अतिरिक्त आहार मिलता है, तब उनकी रोज की कैलोरी 3100 तक हो सकती है.
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Tags: Jail, Jail Terms, Jails, Tunisha Sharma suicide case
FIRST PUBLISHED : January 03, 2023, 12:16 IST