मोदीनगर। दिन की शुरुआत अगर योग से हो तो दिनचर्या के दौरान शारीरिक और मानसिक कष्टों से निजात मिलती है। यह दावा है उन लोगों का जो नियमित योग करते हैं और असाध्य रोगों से निजात पा चुके हैं।
बदलती जीवन शैली ने जहां दिनचर्या को सरल बनाया है, वहीं कई स्वास्थ्य अवरोध भी पैदा किए हैं। इन अवरोध को समय रहते भांपकर योग-प्राणायाम से दिन की शुरुआत करना जरूरी हो गया है। नियमित योग-प्राणायाम ने लाखों लोगों को  न केवल असाध्य रोग से मुक्ति दिलाई, बल्कि उन्हें योग शिक्षक भी बना दिया। हिन्दूवादी नेता बाबा परमेन्द्र आर्य ने कहा कि उनके संज्ञान में दर्जनों लोग शुगर के मरीज थे और उनकी रीढ़ की हड्डी में भी परेशानी थी। उठने-बैठने, चलने फिरने में दिक्कत थी। कुछ ही वर्षों की योग साधना ने बगैर दवा और बगैर आपरेशन उनकी रीढ़ की हड्डी की समस्या समाप्त कर दी। बाबा परमेन्द्र ने कहा कि योग जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बना लेने से कठिन से कठिन रोगों से छुटकारा मिल सकता है। उनका दावा है कि अगर योग को जीवन में पूरी तरह से उतार लिया जाये तो मनुष्य की आयु में वृद्वि भी संभव है। परमेन्द्र ने योग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि योग करने से मनुष्य की काया जंहा निरोग रहती है , वही रोग उसके नजदीक नही फटक सकता। उन्होंने योग दिवस पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुये योग को जीवन में उतारने की प्ररेणा दी।

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