मोदीनगर। ज्ञान, विद्या और कला की देवी मां सरस्वती का पर्व वसंत पंचमी पांच फरवरी यानि आज मनाया जाएगा। इस दिन शैक्षणिक संस्थानों के साथ ही श्रद्धालु घर और मंदिरों में पूजा, अर्चना कर मां सरस्वती को प्रसन्न करेंगे। इस बार वसंत पंचमी महासिद्ध योग और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में मनाई जाएगी। इसे लेकर मंदिरों में भी विशेष तैयारियां की जा रही हैं। इसके अलावा तमाम शिक्षण संस्थानों में भी वसंत पंचमी का पर्व बेहद धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हवन पूजन के साथ मां सरस्वती की आरती उतारी जाती है। जिसमें छात्रों के साथ शिक्षक भी शामिल होते हैं।
ज्योतिषाचार्य व हरमुखपुरी मंदिर के पंडित उदय चन्द्र झा के अनुसार इस दिन अबूझ स्वयंसिद्ध मुहूर्त एवं शुभ योग होने के कारण सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। उन्होंने बताया कि सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक पूजन करने का शुभ मुहूर्त है। यह दिन वसंत ऋतु के आगमन का पहला दिन माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों में वसंत को ऋतुराज माना जाता है। होली का आरंभ भी बसंत पंचमी से ही होता है क्योंकि इस दिन प्रथम बार गुलाल उड़ाई जाती है। इसी दिन फाग उड़ाना आरम्भ करते हैं, जिसका अंत फाल्गुन की पूर्णिमा को होता है।