चौधरी चरण सिंह विवि ने स्पेशल बैक, श्रेणी सुधार और कालबाधित छात्र-छात्राओं की परीक्षा के लिए एक सितंबर से पोर्टल खोलने का निर्णय लिया है। इसमें एक साल के कालबाधित छात्रों को पांच हजार और दो साल के कालबाधित छात्रों को 10 हजार रुपये शुल्क देकर परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति दी गई है। गुरुवार को परीक्षा समिति की बैठक में इस पर निर्णय लिया गया।  इसमें कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर निर्णय लिया गया। बीएड में जिन कालेजों ने छात्रों के आंतरिक अंक अपलोड नहीं किए थे, उन कालेजों को आंतरिक अंक अपलोड करने के लिए अनुमति दे दी गई है। परीक्षा समिति ने सभी प्रयोगात्मक परीक्षाओं के अंक ऑनलाइन मोड में ही स्वीकार करने के लिए कहा है।  जिससे मूल्यांकन की प्रक्रिया जल्द पूरी हो सके। जिन छात्रों की प्रयोगात्मक परीक्षा नहीं हुई है,

एमबीबीएस के आठ छात्रों का रिजल्ट रोका  रामा मेडिकल कालेज, पिलखुआ, हापुड़ के एमबीबीएस थर्ड पार्ट वन के अवार्ड लिस्ट में ओवर राइटिग हुई थी। जिन छात्रों के अवार्ड लिस्ट सही हैं उनका रिजल्ट घोषित करने का निर्णय लिया गया है। साथ ही विवि की ओर से एक कमेटी भी बना दी गई है, जो आठ छात्रों के अवार्ड लिस्ट से लेकर उनकी कापियों की जांच करेगी। बैठक में ये रहे मौजूद परीक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. एनके तनेजा ने की। प्रतिकुलपति प्रो. वाई विमला, रजिस्ट्रार धीरेंद्र कुमार, सहायक कुलसचिव कमल कृष्णा, प्रो. नवीनचंद्र लोहानी, प्रो. मृदुल गुप्ता, प्रो. हरे कृष्ण, प्रो. वीरपाल सिंह, प्रो. एसएस गौरव, डा. अंजली मित्तल, डा. मुकेश कुमार जैन, डा. अंजू सिंह, मीना कुमारी, मितेंद्र गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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