Disha Bhoomi
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Modinagar भगवान शिव की महिमा दिन है शिवरात्रि, जिससे यह बेहद खास हो गई है। पंड़ित उदय चन्द्र झा का कहना है कि इस योग में जो भी व्रत पूजन करेगाए उसे अमिट फल की प्राप्ति होती है। इस बार की शिवरात्रि भक्तों के लिए खास महत्व रखती हैं।
ऐसे खुश होते हैं भोले
पंड़ित उदय चन्द्र झा बताते हैं कि सावन मास में भोले शकंर जी धरती पर विराजमान रहते हैं। शिव का रुद्राभिषेक करने से सभी प्रकार की सफलतायें मिलती हैं। शक्कर मिश्रित जल से रुद्राभिषेक करने से बुद्धि प्राप्त होती है। बताया जाता है कि भगवान शिव शंकर को रात्रि जागरण अत्यंत प्रिय है। भगवान शिव को जलए दूध, दही, शहद, घी से निर्मित पंचामृत का अभिषेक करें। यदि सम्भव हो तो श्रद्धालु चंदन और रुद्राक्ष भी चढ़ायें। इसके पश्चात शिव, गणेश, पार्वती, नंदी का पूजन उनकी प्रिय जैसे आक व धतूरे के पुष्प, बेलपत्र, कनेर आदि के साथ विधिविद्वान करें। शिव चालिसा, शिव पुराण की कथा का पाठ भी करें। ऊँ नमं शिवाय के मंत्र का जाप करे।
सजे शिवालय
शिवरात्रि के पर्व को लेकर नगर व देहात में स्थित सभी शिव मंदिरो में करीब एक माह पूर्व से साफ सफाई का कार्य चल रहा था। सोमवार की सुबह से लेकर देर सायं तक मंदिरो को सजाने का कार्य चलता रहा। सभी शिवालयो को फूल मालाओ व रंग बिरंगी विद्युत बल्वो से बनी झालरो से सजाया गया है।

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