Modinagar | क्षेत्र में चार दिन से लगातार बारिश हो रही है। रिकॉर्ड तोड़ बारिश से किसानों की मेहनत पर पानी फिर गया है। धान और आलू की फसलों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। आलू के खेतों में पानी भर गया है। धान की फसल खेत में भी बिछ गयी है। इससे धान की पैदावार पर भी असर पड़ेगा।
वर्षा से बर्बाद होने वाले किसानों के घरों में मायूसी छायी हुई है। लेकिन, सरकार ने अभी तक किसानों को राहत देने के लिए कोई घोषणा नहीं की है। किसानों की मांग है कि सरकार फसलों के नुकसान का आंकलन कराकर मुआवजा दे। तीन दिन से लगातार वर्षा से जनजीवन प्रभावित हो रहा है।
तेज हवा से धान की बालियां झड़ीं
वर्षा ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है। तेज हवा व वर्षा से धान की बालियां झड़ गई हैं। निवाड़ी में किसानों की धान की कटी फसल को सबसे अधिक नुकसान हुआ है। धान फसल बर्बाद होने किसानों के चेहरे पर मायूसी है। पतला में धान की अच्छी पैदावार होती है। वर्षा से किसानों के बासमती धान की फसल में बीज अंकुरित होने शुरू हो गए हैं।
जानवरों का चारा भी खराब
जानवरों का चारा लगातार पड़ रही वर्षा से खराब हो रहा है। खेतों में पानी खेतों में भरने के कारण किसानों की कटी धान की फसल गलने लगी है। वर्षा अधिक होने के बाद सब्जियों को भी काफी नुकसान हुआ है। आलू, लौकी, अरबी, तुरई की सब्जियों के खेतों में पानी भर गया है।
फसल बर्बाद होने से किसान परेशान
धान और आलू आदि सब्जियों के खेतों में पानी भर जाने से बर्बाद किसान गेहूं बुवाई और खाद के खरीदने के लिए भी परेशान रहेगा। गांव गदाना, पूठरी, पैंदा, भोजपुर, फुराना, अतरौली, फरीदनगर आदि क्षेत्र के किसानों भी फसलों को भी वर्षा से भारी नुकसान हुआ है।
आलू की फसल बर्बाद
इसके अतिरिक्त किसानों के यहां बोया गया आलू भी खेतों में पानी भरने कारण जम नहीं सकेगा। मिट्टी में आलू बीज सड़ने की संभावना बनी रहेगी। रबी मौसम में सब्जी उत्पादन के लिए बोयी गयी बैंगन, टमाटर, मिर्च, फूलगोभी, पत्ता गोभी, गांठगोभी, शिमला मिर्च की पौध का भी जमाव बहुत कम होने की संभावना है। मौसमी की सब्जियों में सोयाबीन, मैथी, पालक, मटरए आदि सब्जियों की बुवाई भी वर्षा से लेट हो चुकी है।