Modinagar । करीब चार हजार से अधिक परिवारों को सीवरेज से जोड़कर पानी के ट्रीटमेंट का ट्रायल जल निगम ने शुरू कर दिया है। योजना का ट्रायल पूरा होने के बाद पानी को साफ कर रजवाहे में डाला जाएगा, जिससे किसान अपने खेतों में सिचाई कर सकेंगे। कई बड़े उद्योगों से भी पानी के लिए जल निगम की बात चल रही है। ऐसा होने पर राजस्व की आय में बढ़ोतरी होगी।
बताते चले कि जल निगम द्वारा करीब तीन वर्षों से सीवरेज पाइपलाइन का कार्य चल रहा था, जो अब करीब- करीब पूरा हो गया है। इसके उपरान्त शहर के करीब चार हजार परिवारों को सीवरेज से जोड़ा गया है। इसके लिए निवाड़ी रोड स्थित जगतपुरी बस्ती के निकट ही जल निगम द्वारा सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) की स्थापना की गई है। इसमें शहरभर के सीवरेज पानी को े एकत्रित कर उसको स्वच्छ किया जाएगा। इसके लिए जल निगम द्वारा ट्रायल भी शुरू कर दिया गया है। शुरूआती दौर में सीरेज से आने वाले पानी को शहर के नाले से जोड़ा गया है। जल निगम के प्रोजेक्ट मैनेजर अमीरुल हसन का कहना है कि ट्रीटमेंट के बाद पानी को रजवाहे में डाला जाएगा। जो किसानों की फसलों की सिचाई के लिए काम आएगा। पाइपलाइन से आने वाले पानी को पहले एक जगह एकत्र करके उससे प्लास्टिक मैटेरियल समेत अन्य अपशिष्ट पदार्थों को अलग किया जाता है। इसके बाद पानी से रेत निकाला जाता है। इसके बाद पानी को छानकर पूरी तरह साफ कर दिया जाता है और उसे प्रयोग के लिए भेज दिया जाता है। केमिकल मिलाकर पानी के विषाणु भी खत्म किए जाते हैं। जल निगम के अधिकारियों का दावा है कि साफ किए गये पानी का टीडीएस 10 तक किया जा सकता है। उद्योगों को बेचा जाएगा। यह पानी सिचाई के अतिरिक्त उद्योगों के काम में आ सकता है। चेयरमैन अशोक माहेश्वरी का कहना है कि पानी का ट्रीटमेंट होने के बाद उसको न सिर्फ फसलों की सिचाई के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, बल्कि इसका उपयोग उद्योगों, शौचालय, पौधों में डालने व निर्माण करने के लिए भी किया जा सकता है। कई उद्योगों के मालिक से भी इसके लिए बात चल रही है। योजना है कि बड़े उद्योगों से कान्ट्रेक्ट कर पानी को बेचकर अतिरिक्त राजस्व प्रापत होगा।