मोदीनगर। पश्चिमी विक्षोम के कारण मानसून की विदाई के बाद बने बारिश के हालत ने क्षेत्र के किसानों के लिए आफत खड़ी कर दी है। बारिश से फायदा कम और नुकसान ज्यादा दिख रहा है। आफत की इस बारिश ने किसानों के अरमानों पर पानी फेरने का काम किया है। बदले मौसम की मार झेल रहे किसान काफी दुखी हैं। बारिश से खेतों में कटी व पकी खड़ी धान की फसल में नुकसान बताया जा रहा है। वहीं आलू फसल की अब बुवाई देर से शुरु हो सकेगी। हालांकि मौसम की अंगड़ाई ने उमस भरी गर्मी से आम जनमानस को राहत देते हुए ठंड का अहसास शुरु करा दिया है।
बिगड़ा उत्पादन का गणित
रविवार से सोमवार तक रुक-रुक कर हो रही बारिश ने किसानों के फसल के उत्पादन के गणित को पूरी तरह से बिगाड़ दिया है। किसानों को धान का ठीक भाव मिल रहा था। बारिश व हवा के चलने खेतों में खड़ी धान की फसल गिर गई है। खेत से पानी नहीं सूखा तो फसल पूरी तरह सड़ जाएगी। वहीं जो फसल खेतों में कटी पड़ी थी, उसमें भी पानी भरने से बड़ा नुकसान होगा। किसानों का कहना है कि धान की फसल में करीब 40 फीसदी कम उत्पादन होगा। फसल की बर्बादी को लेकर किसान चिंतित हैं।
सरकार से की मुआवजें की मांग
भाकियू नेता जयकुमार मलिक ने सरकार से किसानों को मुआवजा दिए जाने की मांग की है। उनका कहना है कि बेमौसम बारिश से किसानों की खेतों में खड़ी व मंडी में बेचने के लिए पहुंची धान की फसल में भारी नुकसान हुआ है। खेतों में खड़ी फसल गिर गई है और जो कटी पड़ी थी, वह भीगने के कारण सड़ने लगेगी। इस स्थिति में किसान पूर्ण बर्बाद हो गया है।

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