Home AROND US मोदीनगर : माध्यमिक शिक्षा परिषद में शिक्षकों व शिक्षक नेताओं ने बजट की मांग का मुद्दा उठाया

मोदीनगर : माध्यमिक शिक्षा परिषद में शिक्षकों व शिक्षक नेताओं ने बजट की मांग का मुद्दा उठाया

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मोदीनगर। कक्षा नौ से 12वीं तक के स्कूल-कालेज खोलने के लिए अभिभावकों की अनुमति मांगी जा रही हैं। हर विद्यालय से प्रधानाचार्य को अभिभावकों से विद्यालय खोले जाने के संबंध में अनुमति मांग कर इसकी रिपोर्ट शासन को भेजनी है। विभागीय सूत्रों के अनुसार जुलाई के अंतिम सप्ताह से माध्यमिक विद्यालयों को खोलने की संभावना है। इसके चलते शिक्षा अधिकारियों ने प्रधानाचार्यों को सख्त व कड़े निर्देश जारी किए हैं। क्योंकि यहां बात छात्र छात्राओं के स्वास्थ्य व जीवन से जुड़ी है, इसलिए लापरवाही बरतने वाले प्रधानाचार्य पर कड़ी कार्रवाई भी की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा परिषद से संबद्ध इंटर कालेजों को जब खोला जाएगा तो विद्यार्थियों की स्वास्थ्य सुरक्षा सबसे अहम होगी।
फीस नहीं आई तो बंदोबस्त कहां से हो

मोदीनगर क्षेत्र में माध्यमिक शिक्षा परिषद से संबद्ध एडेड काॅलेज यंहा संचालित हैं। एडेड विद्यालयों के प्रधानाचार्य तो हैंड सैनिटाइजर, मास्क, हाथ धोने के साबुन आदि की व्यवस्था कर रहे हैं। मगर वित्तविहीन काॅलेजों में ये व्यवस्थाएं दुरुस्त हो पाना संभव नहीं लग रहा। इस संबंध में वित्तविहीन शिक्षकों का ही कहना है कि सरकार की ओर से इस संबंध में कोई बजट जारी किया जाए। विद्यालय बंद हैं, फीस नहीं आई है, तो इंतजाम कहां से करें। हालांकि वित्तविहीन कालेजों के प्रबंधक यही दावा कर रहे हैं कि विद्यार्थियों को सुरक्षित माहौल में बुलाया जाएगा। सोशल मीडिया पर भी वित्तविहीन शिक्षकों व शिक्षक नेताओं ने बजट की मांग का मुद्दा उठाया है। वित्त विहीन शिक्षक महासभा के प्रदेश महामंत्री नीरज शर्मा ने कहा कि यह सच है कि विद्यार्थियों के न आने व सात महीनों से विद्यालय बंद रहने से फीस नहीं आई है। इससे व्यवस्थाएं बनाने में दिक्कत तो होगी। मगर विद्यार्थियों को अभिभावकों की अनुमति के साथ विद्यालय बुलाया जा रहा है। कोविड-19 संक्रमण से विद्यार्थियों की सुरक्षा सभी की जिम्मेदारी है। इसलिए प्रबंधक अपने स्तर से व्यवस्थाएं भी कर रहे हैं। मगर शासन को इस संबंध में बजट जारी कर वित्त विहीन काॅलेज संचालकों को राहत देनी चाहिए। वहीं शिक्षा अधिकारियों का कहना है कि प्रधानाचार्य हर कक्षा में पड़े फर्नीचर को सैनिटाइज कराएंगे। साथ ही मुख्य गेट पर थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी, जो विद्यार्थी काॅलेज में मास्क लगाकर नहीं आएंगे उनको काॅलेज स्तर से मास्क भी उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही शौचालयों की साफ-सफाई भी रखना प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी होगी। विद्यालयों में हाथ धोने की व्यवस्था व साफ पीने के पानी की व्यवस्था भी रखी जाएगी। अगर इन जरूरी मानकों को पूरा करने में कोई ढिलाई बरती गई तो संबंधित प्रधानाचार्य का एक दिन का वेतन काट दिया जाएगा।
पहले भी हुआ था विरोध
वित्तविहीन शिक्षक महासभा ने शासन की गाइडलाइन में उस बिंदु का विरोध पहले भी किया था, जिसमें कहा गया था, कि अगर विद्यार्थी संक्रमित हुए तो प्रधानाचार्य पर कार्रवाई की जाएगी। विद्यार्थी के इलाज का खर्च भी प्रधानाचार्य से वसूला जाएगा। माध्यमिक शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश के उपाध्यक्ष जगवीर किशोर जैन पहले ही इस फरमान का विरोध कर चुके हैं। इसको वापस लेने की मांग भी शासन से कर चुके थे। महासभा के प्रदेश महामंत्री ने कहा कि किसी विद्यार्थी में संक्रमण होने के कई कारण हो सकते हैं। जरूरी नहीं कि वो विद्यालय में संक्रमित हुआ हो। सरकारें संक्रमण को नहीं रोक पाई हैं, प्रधानाचार्य कैसे रोक सकते हैं। उधर, सभी प्रधानाचार्यों व प्रबंधकों को कोविड-19 से बचाव के उपाय अपने संस्थान में अभी से दुरुस्त रखने के निर्देश हैं। इसमें किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी। बिना सुरक्षा उपायों के विद्यालय संचालन मिला तो कार्रवाई होगी।

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