मोदीनगर। जर्जर हो चुकी श्याम सिंह बिल्ड़िग के ध्वस्तीकरण को लेकर कई माह से चली आ रही ऊहापोह की स्थित शनिवार को साफ हो गई। प्रशासन ने कोर्ट का निर्णय आने से पूर्व ही नगर पालिका व तहसील प्रशासन ने भारी पुलिस बल व जेसीबी मशीनों के साथ पंहुच भारी विरोध के बाबजूद बिल्ड़िग को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया। इस संबन्ध में अधिकारी बयान देने से बचते रहें, वही कई मीडिया कर्मीयों के साथ भी पुलिस ने धक्का मुक्की की ओर उनके मोबाइल भी छीनने का प्रयास किया, लेकिन मीडिया कर्मीयों के विरोध के चलते पुलिस पैतरे बदलती नजर आई।
बताते चले कि कई माह से गंदे नाले के निकट स्थित श्याम सिंह बिल्ड़िग के जर्जर होने, बिल्ड़िग में बनी दुकानों में रह रहे किरायेदारों, मकान मालिक के बीच उच्च न्यायालय व जिला न्यायालय में तमाम केस लंबित है। दुकानदारों द्वारा उच्च न्यायालय में भी एक मुकदमा स्टे हेतु लंबित है, जिसमें सोमवार की तिथि निर्धारित है। बाबजूद इसके शनिवार को मुरादनगर, निवाड़ी, भोजपुर, मोदीनगर आदि चारों थानों की पुलिस, पीएसी पालिका अधिकारी सहित दर्जनों कर्मचारी व तहसील प्रशासन के अधिकारी टीम के साथ आधा दर्जन जेसीबी लेकर पंहुचे ओर उन्होंने श्याम सिंह बिल्ड़िग व उनमें रह रहे किरायेदारों की दुकानों में जेसीबी चलवाकर ध्वस्त कर दिया। हालांकि मौके पर पंहुचे दुकानदारों ने इस कार्रवाही का विरोध भी किया, लेकिन उनकी एक ना चली ओर कुछ देर में ही बिल्ड़िग को ध्वस्त कर दिया। कार्रवाही का विरोध कर रहे दुकानदारों को पुलिस ने लाठी फटकार कर जमकर दौड़ाया। इस संबन्ध में प्रशासनिक अधिकारी से लेकर पालिका अधिशासी अधिकारी शिवराज सिंह भी अपना बयान देने से बचते रहें। तहसीलदार श्रीप्रकाश सिंह कहते है कि बिल्ड़िग के जर्जर अवस्था में होने के कारण पालिका द्वारा ध्वस्तीकरण की कार्रवाही की गई है।
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श्याम बिल्ड़िग में किराये पर रहने वाले दुकानदारों धीरज, महेन्द्र, रफीक राजेश, पंकज, धनप्रकाश ओमपाल आदि ने आरोप लगाया है कि जिस तरह से पालिका व प्रशासन ने भारी पुलिस बल के साथ आधा दर्जन से अधिक जेसीबी मशीनों के साथ पंहुचकर ध्वस्तीकरण की कार्रवाही की है। इससे साफ जाहिर है कि पालिका ईओ शिवराज सिंह ने इस कार्रवाही की एवज में अपना नीजि आर्थिक लाभ भी लिया है ओर इनके सामने कोर्ट के आदेश या कोई कार्रवाही मायने नही रखती है। दुकानदारों ने कहा िकइस कार्रवाही से उनकी दुकानों में रखा लाखों का सामान भी नष्ट हो गया है। जिसकी भरपाई के लिए वह कोट्र की शरण लेंगे।
कवरेज करने पंहुचे पत्रकारों के साथ पुलिस ने की बदसलूकी
ध्वस्तीकरण की कवरेज करने पंहुचे कुछ मीडिया कर्मीयों के साथ पुलिस ने धक्का मुक्की करते हुये बदसलूकी की ओर उनके मोबाइल झपटने की कौशिश की, लेकिन मीडिया कर्मीयों के विरोध के चलते पुलिस कर्मी पैतरा बदलने लगे। बाद में अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद पुलिस कर्मीयों ने गलती मान मामले को रफादफा कर दिया।