Disha Bhoomi
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Modinagar रंगो के त्योहार होली में अभी 10 दिन बचे हैं, लेकिन यूपी में राजनीति का रंग पूरे चरम पर है। कोई भगवा पसंद कर रहा है किसी को लाल भा रहा है। नीले रंग के भी कम चाहने वाले नहीं है।
अब कौन सा रंग चढ़ेगा ये तो आने वाली 10 मार्च को चुनाव परिणाम के बाद ही तय हो पाएगा। हालांकि, मतगणना के बाद इतना तो साफ है कि जिस प्रत्याशी और दल का पलड़ा भारी रहेगा, उधर रंग बदलने वालों की संख्या भी ज्यादा होगी। जो अभी लाल रंग पसंद कर रहे हैं, उन्हें भगवा ओढ़ने में देर नहीं लगेगी। वहीं, जो भगवा में मग्न हैं, अगर वह कुछ दिन बाद लाल खेमे में दिखाई दें, तो कोई आश्चर्य नहीं होगा। नेता और अफसर तो इस काम में माहिर माने जाते हैं। खेमा बदलते ही इन लोगों की विचारधारा भी बदल जाती है। चुनाव से पहले भी ऐसे लोग चर्चाओं में थे।
इसके अलावा अफसर भी रंग बदलने में माहिर है। आज जो भगवा रंग में बैठे उच्च पदों का आनन्द ले रहे है, और उनके इस समय आदेश की तामिल जमकर हो रही, वही लाल रंग होते ही इन अफसरों के नखरे भी उतरने शुरू हो जाते है। सत्ता परिवर्तन होते ही इन अफसरों की विचारधारा व कार्यवाहियों में परिवर्तन आ जाते है। इतना ही नही लाॅ एण्ड आर्डर का भी यही हाल हो जाता है। बस सब सत्ता का खेल खेल रहे है। अब देखना ये है कि 10 मार्च को भगवा अपना रंग दिखता है या फिर लाल रंग में होली का त्यौहार रंगने जा रहा है।

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