मोदीनगर। कोरोना काल में विद्यार्थियों की आफलाइन पढ़ाई अटकती है, तो गूगल मीट व इसकी तरह अन्य इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म आनलाइन शिक्षा का जरिया बनते हैं। माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों में भी गूगल मीट के जरिए विद्यार्थियों को पढ़ाई कराने का काम किया जा रहा है। कुछ बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में भी बच्चों को गूगल मीट के जरिए शिक्षण कार्य कराया जा रहा है। गूगल मीट पर विद्यार्थियों की पढ़ाई कराने वाले शिक्षकों ने कभी ये नहीं सोचा होगा कि आने वाले समय में ये उनका भी सहारा बनेगा। मगर अब शासन की ओर से ऐसी ही व्यवस्था बनाई जा रही है जिसके

बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को विद्यालय समय में अफसरों के दफ्तर आकर अपनी समस्याएं रखने की अनुमति नहीं होती। क्योंकि शिक्षण कार्य छोड़कर शिक्षक दफ्तर के चक्कर लगाएंगे तो पढ़ाई कैसे होगी, इसलिए सुबह स्कूल आने के बाद पूरे तय समय तक पढ़ाई कराने के बाद शिक्षक अफसरों के दफ्तर पर जाकर अपनी संबंधित शिकायत का समाधान कराने पहुंचते हैं। वहां पहुंचकर शिकायती पत्र बाबुओं को देते हैं, फिर बाबू उस पत्र को अफसर के सामने पेश करे इसके लिए बाबुओं की मानमनौवल करने के प्रकरण भी खूब सामने आते हैं। मगर अब इन सभी झंझटों से शिक्षकों को निजात मिल जाएगी। अब उनकी शिकायत आनलाइन माध्यम से दर्ज होगी। साथ ही इसका निस्तारण भी गूगल मीट के जरिए तत्काल किया जाएगा। कक्षा एक से आठवीं तक के स्कूलों मे पढ़ाने वाले शिक्षकों को अब शिकायतों अफसरों के पास चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। कोरोना काल में ज्यादा शिक्षक दफ्तरों पर न पहुंचे व विद्यालय में शिक्षण कार्य से दूर न हों, इस उद्देश्य से भी ये व्यवस्था काफी कारगर साबित होगी। शिक्षकों की शिकायतों के प्रकरणों का निस्तारण अब गूगल मीट के जरिए आनलाइन किया जाएगा।

शासन से तय समय के अनुसार सचिव बेसिक शिक्षा परिषद, बीएसए, शिक्षक व संबंधित व्यक्ति आदि जुड़कर तत्काल समस्या का समाधान करेंगे। अगर अफसरों की कार्रवाई में दंडित किए गए शिक्षक अपने ऊपर हुई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं तो वे आनलाइन माध्यम से जुड़कर अपना पक्ष रख सकेंगे। सभी को वाट्सएप पर गूगल मीट का लिंक व्यक्तिगत रूप से दिया जाएगा। अगर एक से अधिक शिक्षकों का प्रकरण है तो बारी-बारी से सभी को मौका दिया जाएगा। साक्ष्य या अन्य सामग्री कोई पेश करना चाहे तो उसको ई-मेल के जरिए मंगाया जाएगा। अपील का निस्तारण सुनवाई वाले दिन ही किया जाएगा। खण्ड शिक्षा अधिकारी आरती गुप्ता ने बताया कि ये पारदर्शी प्रक्रिया है, इससे शिक्षकों को भी लाभ होगा। अभी ब्लाक या जनपदवार कार्यक्रम जारी नहीं किया गया है। शासन के आदेश के अनुसार प्रक्रिया को अमल में लाया जाएगा।

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