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शत्रु संपत्ति विवाद,ग्रामीणों का एक दिवसीय धरना

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शत्रु संपत्ति विवाद,ग्रामीणों का एक दिवसीय धरना
Disha Bhoomi

Modinagarगांव सीकरीखुर्द की शत्रु संपत्ति को लेकर ग्रामीणों ने बुधवार को मोदीनगर तहसील पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। लोगों का आरोप है कि गैरकानूनी तरीके से जमीन को शत्रु संपत्ति घोषित किया गया है। इस फैसले को वापस लेने तक आंदोलन जारी रहेगा।
नेताओं व प्रशासनिक अधिकारियों ने रचा षड़यंत्र
सीकरीखुर्द गांव और आसपास की कॉलोनियों में 18 सौ बीघा जमीन को प्रशासन ने शत्रु संपत्ति घोषित कर दिया था। स्थानीय लोग प्रशासन के फैसले के विरोध में उतर आए हैं। बुधवार को सैकड़ों लोगों ने मोदीनगर तहसील पर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि शत्रु संपत्ति घोषित करने के बहाने कुछ नेताओं और अधिकारियों ने ग्रामीणों को बेघर करने का षड्यंत्र रचा है। आरोप है कि निजी स्वार्थ के लिए उन्होंने ऐसा किया है। जिस जमीन को शत्रु संपत्ति घोषित किया गया है, वह आजादी से पहले निजामुद्दीन के नाम थी। निजामुद्दीन नाम का कोई भी व्यक्ति पाकिस्तान नहीं गया। लिहाजा उसकी संपत्ति को शत्रु संपत्ति घोषित करना पूरी तरह गैरकानूनी है। नारेबाजी करते हुए लोगों ने कहा कि प्रशासन की मनमानी को सहन नहीं किया जाएगा। एक दिवसीय धरना तो महज शुरुआत है। इसके विरोध में सड़कों पर उतरकर आंदोलन भी किया जायेंगा। प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे पूर्व जिला पंचायत सदस्य व किसान नेता डाॅ0 बबली गुर्जर, पूर्व सभासद दीपक वत्स, जिला पंचायत सदस्य अनिल गौतम व बसपा नेत्री डाॅ0 पूनम गर्ग आदि ने कहा कि प्रशासन के इस फैसले के विरोध में 50 हजार से अधिक लोग सड़क पर उतर कर उग्र आंदोलन करेंगे। इस बीच प्रदर्शनकारियों के मध्य पंहुची उपजिलाधिकारी शुभंागी शुक्ला को प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों से संबन्धित एक ज्ञापन सौपा। शुभांगी शुक्ला ने कहा कि वह लोगों की मांगों को आलाधिकारियों के समक्ष रखेंगी ओर जो भी निर्णय होगा उससे जल्दी ही अवगत करा दिया जायेंगा। इसके बाद बड़ें आंदोलन की चेतावनी देकर प्रदर्शनकारियेां ने आंदोलन स्थगित कर दिया। इस दौरान सैकड़ोकं की संख्या में लोग महिलाएं व पुरूष मौजूद रहें।
बताते चले कि सीकरीखुर्द गांव के लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को दिल्ली गृह मंत्रालय स्थित शत्रु संपत्ति अभिकरण के समक्ष पेश हुआ था। प्रतिनिधिमंडल ने अपनी पुश्तैनी जमीन के रिकॉर्ड और फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए थे। अधिकारियों ने उचित निर्णय कराने का भरोसा दिया था। प्रतिनिधिमंडल में सीकरीखुर्द गांव के नवाब प्रधान, विजय पाल सिंह, नवाब अली व देव शर्मा आदि लोग शामिल थे।

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