Disha Bhoomi
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Modinagar। डीजल-पेट्रोल व रसोई गैस के बाद अब महंगाई ने किताब, कापियों व स्टेशनरी पर भी कब्जा कर लिया है। ये भी 15 से 25 प्रतिशत तक महंगी हो गई हैैं। ब्रांडेड बाल पेन का मूल्य बढ़ गया है। 20 रुपये में मिलने वाली नोटबुक पर 25 रुपये खर्च करने होंगे। आर्ट पेपर की कापी की बात करें तो ब्रांडेड कंपनियों ने अप्रैल में रेट तय करने का फैसला लिया है। स्टाॅकिस्ट 15 से 20 प्रतिशत तक रेट बढने की आशंका जता रहे हैं। महंगाई के मूल में रूस व यूक्रेन का युद्ध भी है। रूस से भारत में पेपर का आयात होता है। अप्रैल से आठवीं तक के स्कूलों में नया सत्र शुरू होगा।
कोरोना से पस्त हुए थे कारोबारी
कोरोना संकट के चलते दो शिक्षण सत्र से पुस्तकों के प्रकाशक व स्टेशनरी कारोबारियों का कारोबार मंदा चल रहा था। अब शहर के अधिकांश पब्लिक स्कूलों में या तो परीक्षाएं चल रही हैं, या खत्म हो चुकी है। 26 अप्रैल से सीबीएसई की 10वीं व 12वीं की परीक्षाएं शुरू होंगी। यूपी बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं।
दिखाई चतुराई, कम कर दिए पेज

स्टेशनरी कारोबारी सुभाष गोयल का कहना है कि लोकल कंपनियों ने पैसा बढ़ाने की बजाय पेज कम कर दिए हैैं। ए-फोर साइज में 10 आर्ट पेपर का सेट 10 रुपये का था। यह आठ पेज का कर दिया है। कुछ नोटबुक के पेज कम कर दिए हैं। ब्रांडेड ए-फोर साइज की 150 रुपये वाली रिम 190 रुपये में बिक रही है।
एनसीईआरटी ने भी बढ़ाए दाम
शिक्षण सुविधाएं देने के लिए राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद (एनसीआरटी) काम करती है। इसके खुद के प्रकाशक होते हैं, ताकि स्कूली बच्चों को सस्ती पुस्तकें मिल सकें। कारोबारियों का कहना है कि एनसीईआरटी की किताबों पर भी 10 से 15 प्रतिशत तक दाम बढ़े हैैं।
स्टेशनरी की कीमतों पर नजर
स्टेशनरी पहले, अब
ब्रांडेट बाल पेन, 10, 15
सेलो डाट पेन, 05, 07
रिनाल्ट डाट पैन, 10, 15
120 पेज की नोटबुक, 20, 25
172 पेज की नोटबुक, 40, 45
प्रैक्टिकल कापी, 50, 55
180 पेज का रजिस्टर, 40, 50
200 पेज का रजिस्टर, 50, 60
400 पेज का रजिस्टर, 85, 100
कवर पेपर रोल सादा, 20, 25
कवर पेपर रोल सथेटिक, 35, 40
थोक विक्रेता प्रदीप कुमार का कहना है कि किताबों में जीसीएम पेपर का प्रयोग होता है। यह 60 से 75 ग्राम तक का होता है। बाजार में यह 60 से 65 रुपये प्रति किलो मिलता था, अब 80 से 95 रुपये तक का हो गया है। सबसे ज्यादा पेपर रूस व चीन से आता है। रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते आयात नहीं हो पा रहा है। दिल्ली सहित अन्य जगह के प्रकाशकों ने किताबों के दाम बढ़ा दिए हैं, आर्ट पेपर भी महंगा है।
एवी बुक डिपों के स्वामी हरभजन सिंह कहते है कि स्टेशनरी के दामों में वृद्धि हुई है। डाट पेन के साथ अन्य लिखने पढने की स्टेशनरी पर 15 से 20 प्रतिशत तक दाम बढ़े हैैं। ब्रांडेड डाट पेन की कंपनियों ने उत्पादन बंद कर दिया है। वे नया वर्जन लांच कर पैसा बढ़ाएंगी। कच्ची पेंसिल, कटर, रबर पर पैसे नहीं बढ़े हैं।

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