Modinagar। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया है कि रोडवेज बस स्टैंड से सौ मीटर की दूरी तक कोई प्राइवेट बस अड्डा नहीं होगा। कोई भी प्राइवेट बस रोडवेज के पास से सवारियां नहीं भरेंगी। लेकिन, मोदीनगर में तो सीएम का आदेश हवाई साबित हो रहा है। प्राइवेट बसें भी शहर की सड़कों को जाम तो कर ही रही हैं। सवारियां भी रोडवेज बस स्टैंडों से भी भरकर चलती हैं। किसी को इसकी परवाह नहीं है। लेकिन, पुलिस-प्रशासन और सम्भागीय परिवहन अधिकारी इसे लेकर चुप्पी साधे हुए हैं।
गोविन्दपुरी बस स्टैंड व मोदीनगर के मुख्य बस स्टैंड के निकट यहां दिन भर बसों का आना-जाना लगा रहता है।। बसें गोविन्दपुरी बस स्टैंड से निकलने के बाद पुराना रोडवेज बस स्टैंड पर रेंगने लगती हैं। शहर से निकलने में भी प्राइवेट बसों को आधे घंटे से अधिक का समय लग जाता है। दैनिक करंट क्राइम की टीम सुबह करीब 8 बजे प्राइवेट बसों का सच जानने के लिए निकली। दिल्ली जाने के लिए गोविन्दपुरी बस स्टैंड से प्राइवेट बस निकलकर मोदीनगर रोडवेज बस स्टैंड पर धीमी हो गई। यहां से सवारियां लेकर रेलवे रोड कोतवाली के पास फिर रुक गई। यहां से फफराना रोड के सामने फिर रेंगने लगी। यही हाल दिल्ली से मेरठ जाने वाले मार्ग पर रहा। यह प्राइवेट बसें भी सड़क पर जाम की वजह बन रही हैं। लेकिन, इन प्राईवेट बसों के संचालन को लेकर कोई कार्रवाही नही की जाती। ये बसे मुख्य मार्ग पर जाम का मुख्य कारण बनती है।
नीजी बस संचालकों का दावा है कि प्राइवेट बसें प्राइवेट भूमि से संचालित की जा रही हैं, बसों के पास परमिट हैं। शहर में नगर पालिका, ट्रैफिक पुलिस, सम्भागीय परिवहन विभाग और स्थानीय प्रशासन का इन अवैध बसों की ओर कोई ध्यान नही है।