दिल्ली विश्वविद्यालय इस बार अपने यहां दाखिला प्रक्रिया में कई बड़े बदलाव करने जा रहा है। डीयू में सभी विषयों में दाखिले अब प्रवेश परीक्षा के आधार पर ही होंगे। यह दाखिला सेंट्रल यूनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेस टेस्ट (सीयूसेट) के माध्यम से होंगे। इसके लिए विस्तृत रूपरेखा डीयू ने तैयार कर ली है।

डीयू के कार्यवाहक कुलपति प्रो. पीसी जोशी का कहना है कि दाखिला प्रक्रिया में सकारात्मक बदलाव होंगे। हमारी कोशिश है कि किसी भी तरह से छात्रों को दाखिला में परेशानी का सामना न करना पड़े। डीयू दाखिला नई शिक्षा नीति के अनुरूप होंगे। इसमें 12वीं के अंक और सीयूसेट प्रवेश परीक्षा के अंक दोनों दाखिला की मेरिट का आधार होगा। डीयू का यह सुझाव है कि 50 फीसदी वेजेट छात्र को उसे बोर्ड के अंक के आधार पर और बाकी सीयूसेट के अंक को जोड़कर मेरिट बनाई जाएगी। बोर्ड के अंक पर्सेंटाइल के हिसाब तय करने का सुझाव है क्योंकि अलग अलग बोर्ड होने से उनके समरूपता नहीं होती है।

प्रो. जोशी का कहना है कि हम इस दिशा में विचार कर रहे हैं कि छात्र के 12वीं का अंक और सीयूसेट में प्राप्त अंक को मिलाकर जो रैंकिग होगी उसके आधार पर दाखिला हो। ज्ञात हो कि डीयू में इससे पहले स्नातक के कुछ विषयों की ही प्रवेश परीक्षा के आधार पर दाखिला देता था।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा सेंट्रल युनिवर्सिटी कॉमन एंट्रेस टेस्ट (सीयूसेट) के लिए बनाई गई समिति के सदस्य प्रो. पीसी जोशी ने बताया कि सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय सीयूसेट के तहत ही दाखिला लेंगे। इसकी प्रवेश परीक्षा नेशनल टेस्टिंग एजेंसी लेगी। हम इस प्रक्रिया के अंतिम रूप देने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

डीयू में पढ़ाए जाने वाले विषयों में काफी विविधता है। इसमें ऑनर्स के कोर्स जहां विषयों की सारगर्भिता के अनुरूप हैं वहीं प्रोग्राम कोर्स में कुछ विषयों का समायोजन होता है। विविधता से भरे डीयू में पढ़ाए जाने वाले कोर्स के बारे में प्रो.जोशी का कहना है कि नई शिक्षा नीति के अनुरूप होने वाले बदलाव से डीयू में कोर्स घटेंगे नहीं बल्कि बढ़ेंगे। हमने डीयू में लागू होने वाले नई शिक्षा नीति के प्रारूप को भी सार्वजनिक कर दिया है।

एक वरिष्ठ प्रोफेसर ने बताया कि सीयूसेट के कारण छात्र को अलग अलग विश्वविद्यालय में दाखिला के लिए अलग-अलग प्रवेश परीक्षा नहीं देनी पड़ेगी। सीयूसेट की परीक्षा के बाद छात्र सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय में दाखिला के योग्य होगा, यदि वह संबंधित विश्वविद्यालय की निर्धारित योग्यता पूरी करता हो। यह प्रक्रिया नई शिक्षा नीति के अनुरूप ही है। लेकिन प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद दाखिला का आधार विश्वविद्यालय अपने अनुसार तय कर सकते हैं।

डीयू के डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो.राजीव गुप्ता का कहना है कि स्नातक दाखिला में 12वीं के परीक्षा परिणाम को कम नहीं किया जाएगा। क्योंकि यदि ऐसा नहीं होगा तो कोचिंग सेंटर को बढ़ावा मिलेगा और छात्र तब केवल स्नातक दाखिला के लिए प्रवेश परीक्षा की तैयारी नहीं करेगा। उनका कहना है कि नेशनल टेस्टिंग एजेंसी प्रवेश परीक्षा कराकर परिणाम दे देगा। इसके बाद दाखिला कैसे करेंगे यह डीयू निर्धारित करेगा।

एनटीए 12वीं में पढ़े गए विषय से ही प्रवेश परीक्षा लेगा। इसके तहत साइंस, आर्ट व कॉमर्स के छात्र यदि इससे संबंधित विषय 12वी में पढ़ा हो तो उसे इससे संबंधित ही सवाल पूछे जाएंगे। इसमें महत्वपूर्ण विषय प्रवेश परीक्षा में होंगे। इसमें भाषा, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, गणित सहित अन्य विषयों से सवाल होंगे। छात्रों के पास यह विकल्प होगा कि वह कौन सा विषय चुनता है। इसमें एक भाषा का विषय अनिवार्य होगा। इसके अलावा तीन एकेडमिक विषय होगा। प्रवेश परीक्षा दो भाग में होगी। पहले प्रश्नपत्र में भाषा, एलिमेंट्री, रिजनिंग, मैथमेटिक्स, जनरल नॉलेज, जनरल अवेयरनेस से सवाल होंगे। जबकि दूसरे प्रश्नपत्र में वह सवाल होगा जिसे छात्र ने 12वीं में पढ़ा होगा।

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