गुरुग्राम पुलिस ने साल 2006 में आई फिल्म ‘खोसला का घोंसला’ की तर्ज पर पॉश इलाकों में स्थित खाली पड़े प्लॉटों के फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हें करोड़ों रुपये में बेचने वाले गैंग का भंडाफोड़ किया है। अपराध शाखा डीएलएफ फेज-4 ने इस मामले में महिला समेत तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है। तीनों पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था।अनुमान है कि यह गैंग बीते दो साल में करीब 523 करोड़ों रुपये के प्लॉटों का सौदा कर चुका है।

गिरफ्तार किए गए जालसाजों की पहचान कविता रानी उर्फ रिया सहगल (33) निवासी लुधियाना, राहुल (29) निवासी जालंधर और रणवीर कुमार (49) निवासी कपूरथला के रूप में हुई है। इस गैंग के चार मास्टरमाइंड अब भी फरार हैं। पुलिस से बचने के लिए चारों आरोपी दुबई भाग निकले हैं।

गुरुग्राम पुलिस इनकी गिरफ्तारी के लिए जल्द आगे की कार्रवाई करेगी। इस गैंग के फर्जीवाड़े की सूचना प्रवर्तन निदेशालय (ED) को भी दे दी गई है। साथ ही गुरुग्राम पुलिस की स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) भी इसकी जांच कर रही है।

एसीपी प्रीतपाल सांगवान ने बताया कि आरोपी पालम विहार और सुशांतलोक-1 में खाली प्लॉट की पहचान करते और ताला तोड़कर प्रवेश करते थे। दो से तीन दिन तक जब कोई विवाद नहीं होता तो प्लॉट के दस्तावेज निकलवाकर फर्जी कागजों के आधार पर ब्लड रिलेशन में उसे ट्रांसफर करवा लेते थे। उसके बाद उस प्लॉट को करोड़ों रुपयों में बेच देते और रुपयों को फर्जी कंपनी के खातों में ट्रांसफर करवाते थे। हालांकि, अभी यह कहना मुश्किल है कि गैंग ने कितने प्लॉट बेचे हैं। इसकी जांच चल रही है।

गिरफ्तार आरोपियो ने पूछताछ में खुलासा किया है कि गैंग के मास्टरमाइंड संजय कथूरिया ने साल 2018 में जेल से बाहर आने पर गुरुग्राम में अंसल कंपनी के प्लॉटों की रेकी कर उनका रिकॉर्ड तैयार किया। उसके बाद अपने साथी संदीप, अजय सहगल और राकेश कुमार के साथ मिलकर प्लॉटों को बेचने की योजना बनाई। इसके लिए इनको बहुत से लोगों की जरूरत थी, जिन्हें प्लॉट के फर्जी मालिक बना सकें।

आरोपी राकेश कुमार पंजाब के विभिन्न स्थानों से अलग-अलग व्यक्तियों को गुरुग्राम लेकर आता था। ये लोग उनकी विभिन्न नाम से फर्जी आईडी बनवाते थे। मास्टरमाइंड पंजाब से लाए गए व्यक्तियों को प्लॉट मालिक का फर्जी बेटा या रिश्तेदार बताकर पहले फर्जी ट्रांसफर डीड तैयार करवाते और फिर प्लॉट की फर्जी रजिस्ट्री करवाकर पांच से 10 करोड़ में उस प्लॉट को बेच देते थे। इस संबंध में आठ मामले सुशांतलोक थाने और सेक्टर-29 में दर्ज हैं।

यह गैंग अब तक गुरुग्राम में फर्जी तरीके से कई प्लॉट बेच चुका है, जिनका सौदा करोड़ों रुपयों में तय हुआ। बाकी आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके लिए कानूनी प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी।” -प्रीतपाल सांगवान, एसीपी, गुरुग्राम पुलिस

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